लोकसभा चुनाव में अभी एक साल का वक्त बाकी है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच अभी से जोर-आजमाइश शुरू हो गई है। कांग्रेस एक सर्वेक्षण करा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी की चुनौती स्वीकार करने को लेकर सवाल पूछा गया है। इसको लेकर दोनों राष्ट्रीय दल आमने-समने हैं। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, ‘राहुल जी सोचते हैं क अपना वंशवाद चलता रहे। वह संविधान की खिल्ली न उड़ाएं। मोदी जी शेर हैं। उनके आगे सवा सेर बनने की कोशिश न करें। लोकसभा में वह (राहुल गांधी) गूंगे क्यों रहते हैं? उनके भाषण में कोई तथ्य रहता है क्या?’

केंद्रीय मंत्री ने वर्ष 2019 में फिर से भाजपा की सरकार बनने की भी बात कही है। अश्विनी चौबे ने कहा, ‘अगली बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस देश के अंदर सशक्त और मजबूत सरकार बनेगी। अगली बार भाजपा को दो तिहाई बहुमत आएगी। कांग्रेस चारों खाने चित हो जाएगी और श्मशान घाट जाने के लिए उन्हें चार आदमी भी नहीं मिलेंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (23 अप्रैल) को ‘राष्ट्रव्यापी संविधान बचाओ’ अभियान का आगाज तालकटोरा स्टेडियम में किया था। इस दौरान राहुल ने कहा था कि पीएम मोदी से बहस करने के लिए उन्हें सिर्फ 15 मिनट मिल जाए तो वह राफेल लड़ाकू विमान खरीद समझौता और नीरव मोदी के मसलों पर मोदी से इस तरह जवाब तलब करेंगे कि वह कुछ बोल नहीं पाएंगे। पार्टी अध्यक्ष के तीखे तेवर के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को ऑनलाइन सर्वेक्षण कराना शुरू कर दिया। इसका सवाल है, ‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 15 मिनट की चर्चा की चुनौती स्वीकार करने की हिम्मत जुटा पाएंगे?’

राहुल गांधी ने ‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत ऐसे समय की है जब कांग्रेस की अगुआई में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा को पद से हटाने के लिए दिए गए नोटिस को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया। तालकटोरा के भाषण में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने और संविधान को पलटने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा था कि पीएम मोदी पूर्व की सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों को लगातार बेअसर करने में जुटे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, भाजपा और आरएसएस को संविधान को छूने की भी इजाजत नहीं दी जाएगी और न ही वर्ष 2019 सत्ता में आने देगी। राहुल ने पीएम मोदी पर दलितों और बेरोजगारी को लेकर भी हमला बोला था। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को बताया था कि नरेंद्र मोदी ने पिछली बार के चुनावों में रोजगार का वादा किया था और अगली बार वह नए वादों के साथ चुनाव में जाएंगे।