आजकल देश में असम के NRC का मुद्दा छाया हुआ है। विपक्षी पार्टियों जहां इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार की आलोचना कर रही हैं, वहीं केन्द्र सरकार भी अपने स्तर पर आरोपों का जवाब दे रही है। इसी बीच केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य के बीच तो संसद भवन परिसर में एनआरसी मुद्दे पर जमकर बहस हो गई। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस सांसद ने केन्द्रीय मंत्री पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। इस पर पलटवार करते हुए केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि जो इस देश का नागरिक है, वो इस देश में रहेगा। वहीं जो अवैध रुप से यहां रह रहे हैं और घुसपैठिए हैं, उन्हें देश छोड़कर जाना होगा। इतना ही नहीं अश्विनी चौबे ने चुटकी लेते हुए प्रदीप भट्टाचार्य से कहा कि चिंता ना करें आप देश में ही रहेंगे।
#WATCH: Union Minister Ashwini Choubey and Congress MP Pradip Bhattacharya argue in Parliament premises over #NRCAssam issue pic.twitter.com/lr5JPZ9uvK
— ANI (@ANI) July 31, 2018
इससे पहले राज्यसभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान से कांग्रेस सांसद नाराज हो गए थे और उऩ्होंने राज्यसभा में हंगामा कर दिया था। जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। दरअसल अपने बयान में अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में हुए असम समझौता को जारी करने की हिम्मत नहीं दिखायी, लेकिन हम में वो हिम्मत है। अमित शाह के इतना कहते ही कांग्रेस सांसदों ने हंगामा शुरु कर दिया था। वहीं जब अश्विनी चौबे से भी इस बारे में सवाल किया गया तो केन्द्रीय मंत्री ने भी अमित शाह की बात से सहमति जतायी और असम की मौजदा समस्या के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उल्लेखनीय है कि 1985 में हुए असम समझौते के तहत असम में अवैध रुप से रह रहे लोगों को वापस भेजा जाना था। लेकिन समझौते के बावजूद असम में खासकर बांग्लादेश के लोगों की अवैध रुप से घुसपैठ जारी रही। सोमवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स ने अपना दूसरा ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें 40 लाख लोगों को जगह नहीं दी गई है। हालांकि अभी एनआरसी का तीसरा ड्राफ्ट भी आना बाकी है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नागरिकता पर सवाल खड़े होने से राजनैतिक बयानबाजी का दौर शुरु हो गया है।