UNHRC के 43वें सत्र में मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान को जमकर घेरा। आतंक के मोर्चे पर कड़े शब्दों में कहा, “पाकिस्तान मानवाधिकारों का हिमायती बनने से पहले आंतक पर ऐक्शन प्रोग्राम को ढंग से समझ ले। ऐसा इसलिए, क्योंकि उसकी नाक के नीचे ही आतंकी और मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाले पनप रहे हैं।”
स्विजरलैंड स्थित जिनेवा में UNHRC के 43वें सत्र में विदेश मंत्रालय के पहले सचिव विमर्श आर्यन ने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा- पाकिस्तान में हम कड़े टॉर्चर और अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले उत्पीड़न के गवाह हैं। सिंध और पंजाब प्रांत में हिंदुओं के अंतिम संस्कार के दौरान हमले और ईसाइयों के गिरजाघरों में ऐसी घटनाएं पाकिस्तान में विभिन्न अल्पसंख्यकों की भयाकन स्थिति को दर्शाती है।
आर्यन ने आगे सत्र को संबोधित करते हुए कहा- वैश्विक आतंकवाद का यह केंद्र (पाकिस्तान के संदर्भ में) जम्मू और कश्मीर जैसे पहले से ही लोकतांत्रिक क्षेत्र पर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बात करता आया है।
बकौल आर्यन, “मैं पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से कहना चाहूंगा कि वे मानवाधिकारों के हिमायती बनने की कोशिश करने से पहले विएना डिक्लेरेशन और आतंक पर ऐक्शन प्रोग्राम के पैरा 17 के पहले हिस्से को ढंग से समझ लें। ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिकतर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले और आतंकी उन्हीं की नाक के नीचे पनपते हैं।”
#WATCH Vimarsh Aryan, First Secretary at Ministry of External Affairs (MA) exercises India’s Right of Rep
ly at 43rd Session of United Nations Human Rights Council (UNHRC) in Geneva, Switzerland pic.twitter.com/HRmg7SDVZu
— ANI (@ANI) June 16, 2020
वह बोले- मैं एक बार फिर से Vienna Declaration & Programme of Action (VDPA) का आह्वान कर के पाकिस्तान से पूछना चाहूंगा कि वह क्षेत्र संबंधी (जम्मू और कश्मीर के लिए) अपनी चाहतें त्याग दे, जो कि बड़े स्तर पर सभी मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
आर्यन के अनुसार, पाकिस्तान को अपने यहां अल्पसंख्यकों के प्रति सहिष्णु बनना चाहिए और हमारे साथ एक अच्छे पड़ोसी मुल्क का धर्म निभाना चाहिए, ताकि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति आ सके, जिसके न होने के लिए पाकिस्तान को अधिकतर जिम्मेदार ठहराया जाता है।