बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती फिर से गुस्से में हैं। उनका गुस्सा अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर है। जन आर्शिवाद यात्रा में न बुलाए जाने पर उनका कहना था कि पार्टी के नेताओं को पता है कि मेरे सामने उनका कोई वजूद नहीं है। अगर वो मंच पर होतीं तो उनको कौन देखने वाला था।
उमा भारती ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि ये बात ठीक है कि उनको यात्रा में नहीं बुलाया गया। लेकिन अब वो किसी भी सूरत में इसमें शरीक नहीं होने वालीं। ना तो उद्घाटन में और ना ही समापन में। ध्यान रहे कि बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने रविवार को यात्रा का शुभारंभ किया था। इसमें शामिल होने के लिए बीजेपी के तमाम नेताओं को बुलाया गया। लेकिन मप्र की मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती को नजरंदाज किया गया।
बोलीं- बीजेपी नेताओं को छोड़नी होगी फाइव स्टार कल्चर
मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री का कहना था कि बीजेपी को फाइव स्टार कल्चर छोड़नी होगी। नेताओं को आम आदमी की तरह से रहना सीखना होगा। उनको चाहिए कि वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाए। बीमार होने पर सरकारी अस्पतालों में जाकर इलाज कराए। लेकिन इसके उलट बीजेपी नेता फाइव स्टार कल्चर में जी रहे हैं। वो अपने बच्चों की शादी और दूसरे पारिवारिक समारोह पांच सितारा होटलों में आयोजित करते हैं। उमा का कहना था कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी इसे ठीक नहीं मानते हैं। उनका कहना था कि बीजेपी नेताओं को महात्मा गांधी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और पीएम मोदी की बताई बातों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने जो सिखाया उसे सभी नेताओं को मानना होगा, तभी पार्टी सही दिशा में आगे बढ़ेगी।
पीएम और शिवराज की तारीफ, कहा- सीएम के साथ करेंगी चुनाव प्रचार
बीजेपी नेताओं पर अपनी भड़ास निकालने वाली उमा भारती का हालांकि ये भी कहना है कि जब भी उनको बुलाया जाएगा तब वो सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। गौरतलब है कि कांग्रेस के 10 साल के शासन में सेंध लगाने का काम उमा भारती ने ही किया था। उनके करिश्मे की वजह से 2003 में बीजेपी ने कांग्रेस की दस साल की सत्ता को उखाड़ फेंका था। उमा मप्र की सीएम बनीं। लेकिन 2005 में अनुशासन हीनता के आरोप में उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया। 2011 में उनकी सीएम की कुर्सी पर फिर से वापसी हो सकी थी।