तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। उदयनिधि के बयान पर बीजेपी और सहयोगी पार्टियों ने INDIA गठबंधन के बड़े नेताओं की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी (BJP) नेता अनुराग ठाकुर ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि सनातन को कुचलने की हसरत वाले कितने ही खाक हो गए, हिन्दुओं को मिटाने के ख्वाब वाले कितने ही राख हो गए। सुनों घमंडिया गठबंधन के घमंडियों, तुम और तुम्हारे मित्र रहें ना रहें सनातन था, है और रहेगा।
राहुल गांधी की चुप्पी शर्मनाक है- BJP
INDIA गठबंधन के बड़े नेताओं की चुप्पी पर सवाल करते हुए बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने कहा कि मिशनरी और उनका प्रोत्साहन करने वाले अंग्रेजों ने भी सनातन को कमजोर करने की कोशिश की लेकिन देश छोड़कर चले गए। विडंबना देखिए आज इंग्लैंड का पीएम एक सनातनी है।
उन्होंने आगे कह, “मैं बहुत विनम्रता से इस घमंडिया गठबंधन को सावधान करना चाहूंगा कि अपनी सियासत के लिए आपको जो करना है करिए लेकिन हिंदू विरोधी एजेंडा लेकर चलेंगे तो देश के बहुत बड़े गुस्से का आपको फल भुगतना पड़ेगा। उदयनिधि स्टालिन के बयान पर घमंडिया के बड़े नेताओं की शांति बहुत दर्भाग्यपूर्ण है, बहुत बेशर्मी से भरी हुई है। इसकी हम निंदा करते हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि राहुल गांधी (Rahul gandhi) आप खामोश क्यों हैं? नीतीश (Nitish Kumar) और तेजस्वी (Tejashwi Yadav) से क्या कहा जाए? कुछ तो मुंह खोलिए, क्या आप राजनीति स्वार्थ के लिए चुप रहेंगे।”
उदयनिधि ने सनातन धर्म पर क्या कहा?
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को ‘समानता एवं सामाजिक न्याय’ के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसका खात्मा किया जाना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “सनातन क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं।” उदयनिधि ने कहा, “सनातन का क्या अभिप्राय है? यह शास्वत है, जिसे बदला नहीं जा सकता, कोई सवाल नहीं कर सकता है और यही इसका मतलब है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सनातन ने लोगों को जातियों के आधार पर बांटा।