Udhayanidhi Stalin Remark On Sanatana: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान ने तूफान मचा रखा है। उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर बढ़ते विवाद के बीच कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रियांक खड़गे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समानता का अधिकार नहीं देता व बीमारी के समान है।
उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए हुए कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, “कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपको इंसान होने का सम्मान मिले, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है… कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी के समान है।”
इससे पहले दिन में कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है- ‘सर्व धर्म समभाव’, यह कांग्रेस की विचारधारा है। हर राजनीतिक दल को अपनी बात कहने की आजादी है… हम सभी के विचारों का सम्मान करते हैं।
इस बीच, भाजपा ने शनिवार को तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि की टिप्पणियों की आलोचना की है। साथ ही इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है। साथ ही कहा कि विपक्षी दल इंडिया पूरी तरह से हिंदू विरोधी है।
प्रियांक खड़गे दलिता नेता हैं और उग्र हिंदुत्व के कड़े आलोचक हैं
जूनियर खड़गे दलित नेता हैं और भारत के संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के आदर्शों के प्रबल समर्थक हैं। वह उग्र हिंदुत्व के भी कड़े आलोचक हैं।
पिछले साल, जब वह कांग्रेस कम्युनिकेशन विंग के प्रमुख थे, तब प्रियांक खड़गे ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों के कुछ हिस्सों को हटाने के तत्कालीन कर्नाटक भाजपा सरकार के कदम पर सवाल उठाया था, जिसमें हिंदुत्व और जाति व्यवस्था के खिलाफ डॉ अंबेडकर द्वारा उठाए गए रुख का जिक्र था। प्रियांग खड़गे ने तब कहा था कि वे देश के इतिहास से डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को बाहर करने की हद तक चले गए हैं। भारत के संविधान के निर्माता के रूप में डॉ. अंबेडकर की साख को मिटाने की साजिश रची गई है।