एक विशेष अदालत ने एनआईए का अनरोध स्वीकार करते हुए लश्कर ए तैयबा के संदिग्ध आतंकवादी शौकत अहमद भट का पोलीग्राफ जांच कराने की अनुमति दे दी है। भट को उधमपुर आतंकवादी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
अदालत के बंद कमरे में सुनवाई के दौरान भट को जिला न्यायाधीश अमरनाथ के समक्ष पेश किया गया जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि आरोपी का पोलीग्राफ जांच कराना जरूरी है ताकि प्रतिबंधित आतंकवादी समूह के बड़े षड्यंत्र का पता लगाया जा सके।
एनआईए का अनुरोध स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि भट का पोलीग्राफ जांच कल लोदी रोड स्थित सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में कराया जाएगा। जांच एजेंसी ने अपनी अर्जी में कहा था कि पूछताछ के दौरान भट बराबर बयान बदल रहा है जिससे मामले की जांच में बाधा आ रही है।
एनआईए ने कहा, ‘‘आरोपी शौकत अहमद भट वर्तमान में दिल्ली में एनआईए की हिरासत में है और विभिन्न अवसरों पर उसके बयान बदल रहे हैं जिससे मामले की जांच में बाधा आ रही है।’’ इसने कहा, ‘‘उपर्युक्त आरोपी पोलीग्राफ जांच जरूरी है ताकि बड़े षड्यंत्र पर ठोस सुराग हासिल किया जा सके।’’
एनआईए का कहना था कि भट ने जांच कराने की सहमति दे दी है और लोदी रोड स्थित सीएफएसएल में विशेषज्ञ से जांच कराने के लिए आवश्यक आदेश दिए जा सकते हैं। एजेंसी ने कहा, ‘‘इसलिए अदालत से आग्रह किया जाता है कि एजेंसी (एनआईए) को आरोपी शौकत अहमद भट का आठ सितम्बर को लोदी रोड स्थित सीएफएसएल-सीबीआई के विशेषज्ञ से पोलीग्राफ जांच कराने का आदेश पारित किया जाए।’’
इसने सीएफएसएल के निदेशक को भी निर्देश देने का अनुरोध किया कि भट की पोलीग्राफ जांच करायी जाए। एनआईए ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद नावेद को हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान उधमपुर आतंकवादी हमले में षड्यंत्र के सिलसिले में कुछ तथ्य सामने आए हैं। इसमें षड्यंत्रकारियों, समर्थकों, वित्तीय मदद करने वालों, सहयोग करने वालों और नावेद के संचालक आदि के बारे में जानकारी भी शामिल है।
इसने कहा कि भट ने नावेद और एलईटी के तीन अन्य आतंकवादियों को ‘‘भारत-पाक सीमा के नजदीक पहुंचाने से लेकर पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) जिले के उनके ठिकाने तक आश्रय मुहैया कराने’’ में सहयोग किया था।