Uddhav-Raj Thackeray Alliance: उद्धव और राज ठाकरे के मिलकर बीएमसी और कुछ अन्य नगर निगमों में चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद क्या राज्य की राजनीति पर इसका बड़ा असर होगा? शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि अब कोई भी नापाक ताकत ठाकरे परिवार की एकता को नहीं तोड़ सकती।

संजय राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मुंबई, नासिक, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और अन्य नगर निगमों में चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र में बहुत जल्द स्थानीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों की राज्य की राजनीति में बड़ी अहमियत है।

ठाकरे भाइयों का यह गठबंधन महाराष्ट्र में कम से कम 10 बड़े नगर निकायों में मराठी वोटों को एकजुट कर सकता है। लेकिन हम बात करते हैं चार बड़े नगर निगमों की जहां पर दोनों दलों का मिलकर चुनाव लड़ना तय है।

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बीएमसी में ताकतवर रही है शिवसेना

बीएमसी पर दो दशक से ज्यादा वक्त तक शिवसेना का दबदबा रहा है। इसके अलावा ठाणे, नासिक और कल्याण-डोंबिवली में भी शिवसेना एक बड़ी ताकत है। इन दोनों के साथ आने से मराठी राजनीति की पूरी पिक्चर बदल सकती है।

बीएमसी में 2017 में अविभाजित शिवसेना ने 84 सीटें जीती थीं। शिवसेना में हुई टूट के बाद आधे से ज्यादा पार्षद शिंदे की शिवसेना के साथ चले गए। इससे उद्धव ठाकरे कमजोर हो गए और BJP और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट का असर बीएमसी की राजनीति में बढ़ गया।

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ठाणे में लगा था उद्धव को झटका

मुंबई से बाहर ठाणे को ही शिवसेना का गढ़ माना जाता है। 2017 में अविभाजित शिवसेना ने 171 वार्डों वाले ठाणे नगर निगम के चुनाव में 67 सीटें जीती थी लेकिन पार्टी में टूट के बाद 66 पार्षद शिंदे के साथ चले गए। अगर यहां उद्धव ठाकरे को जीत मिलती है तो इससे एकनाथ शिंदे के लिए मुश्किल खड़ी होगी।

ठाणे को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है और यहां पर अच्छा चुनाव देखने को मिल सकता है।

नासिक और कल्याण-डोंबिवली नगर निगम

नासिक और कल्याण-डोंबिवली भी मराठी वोटों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं और उद्धव और राज ठाकरे के गुटों का ऐसा मानना है इनके साथ आने से बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने नासिक के 122 वार्डों में से 66 में जीत दर्ज की थी।

कल्याण-डोंबिवली में भी मराठी वोट काफी ताकतवर हैं और यहां पर शिवसेना का काफी असर रहा है। 2015 में अविभाजित शिवसेना ने 122 वार्ड वाले इस नगर निगम में 52 सीटें जीती थी और अन्य पार्षदों के साथ मिलकर नगर निगम में अपना मेयर बनाया था।

महाविकास अघाड़ी में आएंगे राज ठाकरे?

भले ही राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन उनके गठबंधन को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे की है क्योंकि महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस साफ कह चुकी है कि मनसे को इस गठबंधन में शामिल करने से पहले काफी विचार विमर्श की जरूरत होगी।

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