महाराष्ट्र के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रतिमा के ढहने के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया की ओर विपक्षी दलों ने मार्च किया। इस मार्च में पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए। उन्होंने सरकार को याद दिलाया कि महाराष्ट्र के लोग उन्हें (महाराष्ट्र सरकार) कभी माफ नहीं करेंगे। हालांकि पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं दी थी लेकिन इसके बावजूद मार्च निकाला गया।

MVA कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हजारों महाविकास अघाड़ी (MVA) कार्यकर्ताओं ने रविवार को गेटवे ऑफ इंडिया की ओर मार्च करना शुरू कर दिया। मार्च की अनुमति नहीं देने वाले पुलिस अधिकारियों पर पलटवार करते हुए शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि विपक्ष को शिवाजी महाराज के लिए लड़ने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

शिंदे का बड़ा बयान

वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिराए जाने के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “यह हमारे लिए बहुत दुखद बात है। शिवाजी महाराज हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकते। यह हमारी पहचान और आस्था का मामला है। जो घटना घटी वह दुर्भाग्यपूर्ण थी। इस पर राजनीति करना ज्यादा दुखद बात है और विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है। कर्नाटक में शिवाजी महाराज की मूर्ति को तोड़ने के लिए दो जेसीबी लाई गईं और उस मूर्ति को उखाड़ दिया गया। जिन्होंने ऐसा किया उन्हें पीटा जाना चाहिए।”

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छत्रपति शिवाजी महाराज, मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं- पीएम मोदी

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगी है। शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर महाराष्ट्र में पीएम मोदी ने कहा कि सिर झुकाकर शिवाजी से माफी मांगता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं उनके चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। शिवाजी हमारे लिए आराध्य देव हैं।

पीएम मोदी ने कहा था, “जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में निश्चित किया, तो मैंने सबसे पहले रायगढ़ के किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठ कर प्रार्थना की और राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज, मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।”