संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक अदालत ने भारत धर्म जन परिषद् के नेता तुषार वेल्लापल्ली के खिलाफ एक आपराधिक मामले को खारिज कर दिया है। अदालत ने सबूतों के अभाव में तुषार वेल्लापल्ली के खिलाफ यह मामला खारिज किया।
तुषार वेल्लापल्ली को पिछले महीने 19 करोड़ रुपये के एक चेक डिफॉल्ट मामले में यूएई में अजमन शहर से गिरफ्तार किया गया था। तुषार की गिरफ्तारी के बाद केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। विजयन की तरफ से लिखा गया पत्र मीडिया में भी जारी किया गया था।
पत्र में सीएम ने वेल्लापल्ली की कुशल होने के साथ ही उनके स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जताई थी। मुख्यमंत्री का कहना था कि वेल्लापल्ली के हिरासत में रहने को लेकर मुझे उनकी चिंता है। कानून के दायरे में रहकर उन्हें हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जानी चाहिए। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप व्यक्तिगत रूप से ध्यान दें और इस मामले में दखल दें।
तुषार वेल्लापल्ली के खिलाफ चेक डिफॉल्ट मामले में यह शिकायत उनके बिजनेस पार्टनर नाजिल अब्दुल्ला ने दर्ज कराई थी। नाजिल और वेल्लापल्ली दोनों एक साथ बाइंग कंस्ट्रक्शन कंपनी एलएलसी के लिए काम करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तुषार ने 10 साल पहले एक कंपनी को 10 मिलियन दिरहम (करीब 19.5 करोड़ रुपये) का चेक जारी किया था। बाद में यह चेक बाउंस हो गया था।
मालूम हो कि तुषार श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम के उपाध्यक्ष भी हैं। यह संगठन केरल की पिछड़ी जातियों में शुमार इझावा समुदाय के कल्याण के लिए काम करता है। तुषार वेल्लापली इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केरल में वायनाड से चुनाव मैदान में उतरे थे। भाजपा ने तुषार को अपनी पार्टी की तरफ से टिकट दिया था। हालांकि, तुषार को राहुल गांधी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।