पुलवामा में सीआरपीएफ टुकड़ी पर हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान पर किए गए स्ट्राइक के बाद जिस तरह देशभर में भाजपा ने मोदी सरकार की तारीफ की और वाहवाही लूट रही है, उससे विपक्षी पार्टियां फिर से एकजुट होने पर विवश हो रही हैं। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इसके लिए विपक्षी खेमे के दो बड़े नेता एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू सबसे ज्यादा कोशिशें कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सत्ताधारी दलों से सियासी दुश्मनी भुलाने की अपील की है ताकि एकजुट होकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकतार को हराया जा सके। यानी पवार और नायडू ने राहुल गांधी से ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल से गठजोड़ करने पर फिर से विचार करने को कहा है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आप ने सात में से छह संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों के एलान किया है। सिर्फ एक सीट पर प्रत्याशी की चयन बाकी है। दिल्ली में कांग्रेस और आप प्रतिद्वंदी पार्टियां हैं। इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस प्रतिद्वंदी पार्टियां हैं। दोनों ही पार्टियां वहां की 42 संसदीय सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारते रहे हैं। लेकिन विपक्षी खेमे के बड़े नेताओं ने इस बार महागठबंधन करने की फिर से कोशिश की है। बता दें कि आज ही सीपीएम ने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने का प्रस्ताव दिया है। फिलहाल इन सीटों पर कांग्रेस और सीपीएम के सांसद हैं।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गठबंधन की उनकी कोशिशों को नकार दिया है। बता दें कि दिल्ली हो या पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र हो या आंध्र प्रदेश, सभी जगहों पर भाजपा से ही इन क्षेत्रीय दलों का मुकाबला है। ऐसे में अगर ये दल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ें तो भाजपा की राह मुश्किल हो सकती है, वर्ना पुलवामा हमले के बाद जिस तरह भाजपा और खासकर नरेंद्र मोदी के पक्ष में लहर बन रही है, उससे पार पाना मुश्किल हो सकता है।
