बेंगलुरु में विपक्षी नेताओं की बैठक हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA से लड़ने की रणनीति बनाई जा रही है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाई और एनडीए के सांसदों की संख्या 300 के पार पहुंच गई। 1980 में बीजेपी की नींव रखी गई थी। दरअसल 1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया था लेकिन उसके बाद पार्टी टूट गई। आइए जानते हैं बीजेपी के पूरे सफर के बारे में

1984 में बीजेपी ने लड़ा लोकसभा चुनाव

1984 में बीजेपी ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इस दौरान देश में इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से सहानुभूति लहर चल रही थी, लेकिन उसके बावजूद बीजेपी के दो सांसद लोकसभा पहुंच गए। आंध्र प्रदेश के हनामकोड़ा से बीजेपी के चंदूपाटिया रेड्डी ने जीत हासिल की थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को हराया था। वहीं दूसरी सीट गुजरात की मेहसाणा लोकसभा थी, जहां से बीजेपी के एके पटेल चुनाव जीते थे।

राम लहर में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता

इसके बाद 1989 के चुनाव में बीजेपी की सीटें बढ़ी और यह 86 पर पहुंच गई। मतलब अपने दूसरे ही चुनाव में बीजेपी की सीटें 2 से बढ़कर 86 हो गई। 1991 में दोबारा चुनाव हुआ और उस दौरान बीजेपी राम मंदिर के निर्माण को लेकर आंदोलन कर रही थी। इस चुनाव में बीजेपी को 120 सीटें आई, यानी बीजेपी की सीटें बढ़ती ही रही।

अटल बिहारी वाजपेई बने पहली बार पीएम

इसके बाद 1996 में लोकसभा चुनाव हुए और बीजेपी की 161 सीटें आ गई। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेई पहले बीजेपी नेता बने जिन्होंने प्रधानमंत्री पद संभाला था। हालांकि ये सरकार 13 दिन में ही गिर गई थी।

दोबारा पीएम बने अटल बिहारी वाजपेई

इसके बाद 1998 में लोकसभा चुनाव हुए और बीजेपी को 182 सीटों पर जीत हासिल हुई। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, इसलिए उन्हें सरकार बनाने का न्योता मिला। अटल बिहारी वाजपेई ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। यह सरकार 13 महीने बाद गिर गई क्योंकि एआईएडीएमके ने समर्थन वापस ले लिया।

अटल बिहारी वाजपेई पूरे पांच साल तक रहे पीएम

इसके बाद किसी पार्टी में सरकार बनाने का दावा नहीं किया, जिसके बाद लोकसभा भंग कर दी गई। देश में 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए और बीजेपी को 182 सीटें मिली। इसके बाद बीजेपी ने अन्य दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई और अटल बिहारी वाजपेई तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार सरकार पूरे 5 साल तक चली।

बीजेपी की हुई करारी हार

2004 में जब लोकसभा चुनाव हुए तब बीजेपी की सीटें घट गई और बीजेपी की 138 सीटें आई। वहीं कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस की चुनाव में 145 सीटें आई थी। कांग्रेस ने गठबंधन कर सरकार बनाई और सरकार पूरे 5 साल तक चली।

2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए, उस दौरान कांग्रेस पार्टी की सीटें बढ़ गई और 206 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी की सीटें घटकर 116 हो गई।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने रचा इतिहास

इसके बाद बीजेपी ने रणनीति बदली और 2013 गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और पार्टी को बड़ी सफलता मिली। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अकेले बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया और 282 सीटों पर विजय हासिल की, जबकि एनडीए की सीटों की संख्या 350 के पार चली गई।

पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में दोबारा आई बीजेपी

इसके बाद 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए और बीजेपी को इस बार और बड़ी जीत हासिल हुई। बीजेपी को अकेले 303 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि एनडीए की सीटों की संख्या 353 पहुंच गई। नरेंद्र मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री बने। ऐसा पहली बार हुआ जब देश में कोई पूर्ण बहुमत की सरकार दोबारा सत्ता में आई।