उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में एनआईए की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एजेंसी लगातार मुंबई पुलिस के सस्पेंड किए गए कर्मी सचिन वाजे से पूछताछ कर रही है। एक टीवी डिबेट में जब एंकर अर्नब गोस्वामी ने वाजे को लेकर शिवसेना प्रवक्ता से सवाल किए, तो उन्होंने बात को घुमाते हुए मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आजाद घूमने पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने एनआईए को भी भाजपा का हिस्सा बताया। हालांकि, इस पर पर भाजपा प्रवक्ता ने उन्हें दिमागी संतुलन खो चुका व्यक्ति करार दे दिया।
क्या थी बहस?: जब अर्नब ने सवाल पूछा कि आप इतने करीब थे वाजे के, अब पूछने नहीं जाएंगे तलोजा। आपका ही तो है, आपने ही तो बनाया था उसको, पाला-पोसा था। छूट दी थी। एक बार तलोजा जाकर मिलिए न। इस पर शिवसेना नेता ने कहा, “सचिन वाजे तलोजा चला गया। परमबीर एनआईए का दामाद क्यों बना है। परमबीर को कौन बचा रहा है। जो गुनाह करते हैं, उन्हें जेल जाना ही पड़ता है।”
आप जेल गए, अच्छी बात है। आपको जिसने जेल पहुंचाया वो भी जेल पहुंच गया। लेकिन मैं बात कर रहा हूं उस परमबीर की, जिसने चार्ज दिया था सचिन वाजे को, वो बाहर क्यों। ये भाजपा वालों का वो समधी क्यों बना है। अर्नब ये बात तुम्हें पूछना चाहिए। नुपुर शर्मा (भाजपा प्रवक्ता) को पूछो कि कब तक बाहर रखेंगे।
भाजपा प्रवक्ता बोलीं- किस अनपढ़ को लाए हैं: इस पर भाजपा की तरफ से आईं नुपुर शर्मा ने कहा कि ये जो भाई साहब यहां बैठे हैं, उनके हिसाब से एनआईए कोर्ट भाजपा है या एनआईए कोर्ट एमवीए की महावसूली सरकार है। ये फैसले जज ने भेजा है।
जब शिवसेना की तरफ से प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा कि एनआईए तो भाजपा का हिस्सा है। इस पर नुपुर शर्मा ने बात पकड़ते हुए कहा, “कोर्ट भी भाजपा का हिस्सा है? ये कौन अनपढ़ हैं? ये मुझे कहते हैं कि तुम छोटी हो, बड़ों के बीच नहीं बोलती। सच में ये बुजुर्ग नहीं, ये सठिया गए हैं। सठिया गए हैं, मुझे आपकी उम्र का तकाजा है, इसलिए मैं आपसे प्यार से बात कर रही हूं। आपका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है, अगर आप ये कह रहे हैं कि एनआईए कोर्ट भाजपा है।”
नुपुर शर्मा की इस बात पर किशोर तिवारी ने कहा, “आप सठिया गई हैं। तुम अपनी अक्ल क्यों घर रखकर आई हो। एनआईए भारत सरकार की है। अब केंद्र सरकार तब सचिन वाजे जेल गया। नुपुर शर्मा ये सरकार गिराने के लिए तुम गंदी राजनीति कर रही हो। तुम बच्ची हो, तुम नहीं जानती।”