Mahatma Gandhi Law Degree: जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के दावे का महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने खंडन किया है। मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा था कि महात्मा गांधी के पास लॉ की डिग्री नहीं थी।

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ट्वीट करते हुए लिखा, ‘एम. के. गांधी ने राजकोट के अलफ्रेड हाईस्कूल से मैट्रिक पास की थी। उन्होंने लंदन में मैट्रिक पास की। इसके बाद इनर टेम्पल से लॉ की डिग्री हासिल की थी। उसके साथ-साथ उन्होंने दो डिप्लोमा भी लिए थे। एक डिप्लोमा लैटिन भाषा और दूसरा फ्रेंच भाषा में था। यह सभी बातें ऑटोबायोग्राफी में दर्ज हैं।

तुषार गांधी ने यह भी ट्वीट किया कि मैंने बापू की आत्मकथा की एक कॉपी राजभवन जम्मू को इस उम्मीद के साथ भेजी है कि अगर उप राज्यपाल पढ़ सकते हैं तो उन्हें इस बारे में जानकारी मिल जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी लिखा कि मैं मानता हूं, बापू के पास पूरे कानून की डिग्री नहीं थी। तुषार गांधी ने यह भी लिखा कि कुछ लोग मुझे सुझाव दे रहे हैं कि मैं जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल पर मुकदमा चलाऊं। राष्ट्रपति या राज्यपाल किसी भी कोर्ट के प्रति जवाब देह नहीं हैं। पद की अवधि के दौरान राष्ट्रपति या राज्यपाल के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर के मनोज सिन्हा ने गुरुवार (23 मार्च, 2023) को आईटीएम ग्वालियर में डॉ. राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में अपने संबोधन के दौरान गांधीजी की शैक्षिक योग्यता के बारे में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी के पास लॉ की कोई डिग्री नहीं थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग प्रतिकार भी करेंगे, लेकिन मैं तथ्यों के साथ आगे बात करूंगा।

सिन्हा ने कहा था कि कौन कहेगा कि गांधी जी शिक्षित-प्रशिक्षित नहीं थे? लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पास कोई यूनिवर्सिटी डिग्री या क्वॉलिफिकेशन नहीं थी। उनके पास बस एक हाई-स्कूल डिप्लोमा था। लॉ प्रैक्टिस करने के लिए उन्होंने क्वॉलिफाई किया था, मगर उनके पास कोई लॉ डिग्री नहीं थी। उन्होंने कहा था कि सिर्फ डिग्री एजुकेशन नहीं है। महात्मा गांधी के पास केवल हाई स्कूल डिप्लोमा था। उनके पास यूनिवर्सिटी की कोई डिग्री या योग्यता नहीं थी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने महात्मा गांधी को लेकर यह भी कहा कि जितनी चुनौतियां आईं, जितनी परीक्षाएं आईं, उन्होंने सत्य कभी नहीं त्यागा और महात्मा गांधी ने अंतरध्वनि को पहचान लिया और इसी वजह से वो राष्ट्रपिता बन गए।