देश में कोरोना विषाणु संक्रमण की सुनामी थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को रात ग्यारह बजे तक 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के सर्वाधिक 4,02,209 नए मामले दर्ज किए गए। इन राज्यों में 3,455 लोगों ने संक्रमण की वजह से जान गंवाई। देश में लगातार चौथे दिन तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हुई। ये आंकड़े राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए थे। कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, ओड़ीशा और जम्मू कश्मीर में अब तक के सर्वाधिक मामले सामने आए।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में शुक्रवार को कोरोना के 62,919 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं इस अवधि में 828 लोगों की मौत हुई। विभाग के मुताबिक चौबीस घंटे के दौरान राज्य में 69,710 मरीज ठीक हुए। राज्य के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 6,62,640 है।
देश में महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक में 48,296, केरल में 37,199, उत्तर प्रदेश में 34,626, दिल्ली में 27,047, तमिलनाडु में 18,692, पश्चिम बंगाल में 17,411, आंध्र प्रदेश में 17,354, राजस्थान में 17,155, बिहार में 15,853, छत्तीसगढ़ में 14,994, गुजरात में 14,605, हरियाणा में 13,833, मध्य प्रदेश में 12,400, ओड़ीशा में 8,681, तेलंगाना में 7,646, पंजाब में 6,132, झारखंड में 5,961, उत्तराखंड में 5,654, जम्मू कश्मीर में 3,532, असम में 3,197, गोवा में 3,024, हिमाचल प्रदेश में 2,358, पुदुचेरी में 1,195, चंडीगढ़ में 724, मणिपुर में 271, मेघालय में 229, नगालैंड में 226, सिक्किम में 205, अरुणाचल प्रदेश में 194, दादर नागर हवेली और दमन दीव में 184, मिजोरम में 140, लद्दाख में 108, लक्षद्वीप में 105 और अंडमान निकोबार में 59 नए मामले सामने आए।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से ‘राजनीतिक झगड़ा’ बंद करने और राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र से बातचीत शुरू करने को कहा। शीर्ष अदालत ने कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान मामलों में वृद्धि को ‘मानवीय संकट’ करार दिया और आप सरकार से कहा कि वह लोगों की जान बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग करे।
दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत को आश्वस्त किया कि वह उसके सुझावों का अक्षरश: पालन करेगी और हरसंभव तरीके से केंद्र सरकार के साथ सहयोग करेगी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले पीठ ने कहा, ‘राजनीति चुनाव के लिए है, लेकिन इस मानवीय संकट के समय हर जीवन महत्त्वपूर्ण है और उसे बचाने की आवश्यकता है। कोई भी राजनीतिक झगड़ा नहीं होना चाहिए। आपको केंद्र से बातचीत शुरू करनी है और इस समस्या का समाधान करना है।’ पीठ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि यह विरोधात्मक मुकदमा नहीं है और सभी पक्षों को समस्या से निपटने के लिए समाधान तलाशना है।