यूपी के अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त, 2020 को है। कार्यक्रम से पहले कहा जा रहा है कि वहां टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। साथ ही 22.6 किलोग्राम चांदी की ईंट भी स्थापित की जाएगी। पर मंगलवार को वहां के डीएम ने इन दावों को सरासर गलत करार दिया। ये दावे खारिज करते हुए साफ तौर पर कहा- कृपया इस बाबत अफवाहें न फैलाएं।

वैसे, टाइम कैप्सूल के मसले पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी स्पष्टीकरण दे चुके हैं। उन्होंने टाइम कैप्सूल रखे जाने की बात को महज अफवाह बताया। कहा कि ऐसी कोई तैयारी नहीं की गई है।

राय की यह सफाई ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के उस दावे के बाद आई, जिसमें सोमवार को उन्होंने कहा था कि राम मंदिर की नींव में एक टाइम कैप्सूल यानी काल पात्र डालने का निर्यण लिया गया है। बकौल चौपाल, “टाइम कैप्सूल रखा जाएगा जिससे कि भविष्य में अगर कोई मंदिर के इतिहास के बारे में जानना चाहे तो उसे राम जन्मभूमि से जुड़े तथ्य मिलें और फिर से किसी विवाद का जन्म ना हो।”

वहीं, बीजेपी नेता लल्लू सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि मंदिर के नींव तले कैप्सूल रखा जाएगा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, श्रीराम जन्मभूमि पर 2000 फ़ुट की गहराई में भूमि के नीचे एक Time Capsule को डालने का निर्णय लिया गया है, जिसके माध्यम से आने वाले सहस्त्र वर्षो में आगामी पीढ़ी को इसके इतिहास की सही जानकारी रहेगी। जय श्रीराम।

क्या होता है टाइम कैप्सूल:  टाइम कैप्सूल का इस्तेमाल वर्तमान की जानकारियों को सहेजकर भविष्य के लिए रखा जाता है। इसके जरिए वर्तमान में दुनिया से जुड़ी जानकारियां सहेजकर रखी जाती हैं जिससे की भविष्य में कोई इसका अध्य्यन करना चाहे तो उसकी मदद हो सके। टाइम कैप्सूल का कोई निश्चित आकार नहीं होता है। यह किसी भी आकार को हो सकता है। गोल, बेलनाकार, चौकोर, आयताकार  या किसी भी अन्य आकार का हो सकता है। कैप्सूल में उस समय की दुनिया के रहन-सहन, तकनीकियों के बारे में बताया गया होता है।

इंदिरा गांधी ने भी किया था टाइम कैप्सूल का इस्तेमाल:  यह पहली दफा नहीं है जब देश में टाइम कैप्सूल के इस्तेमाल की चर्चा चल रही हो। इससे पहले आजादी के 25 साल पूरे होने पर इंदिरा गांधी ने लाल किले में एक टाइम कैप्सूल डलवाया था। हालांकि इस टाइम कैप्सूल को लेकर विवाद हो गया था और सत्ता में आई मोरार जी देसाई सरकार ने जमीन खुदवाकर इसे बाहर निकलवाया था।