अयोध्या में बन रहे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए दान करने वाले लोगों को अब 2020-21 के इनकम टैक्स में सेक्शन 80जी के तहत छूट मिलेगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने शुक्रवार को इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एक ऐतिहासिक अहमियत वाली जगह है और पूजा का एक लोकप्रिय स्थल है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80जी के सब-सेक्शन (2) के अंतर्गत आने वाले क्लॉज (बी) के तहत इसके निर्माण में जुटे ट्रस्ट को दान करने वाले लोगों को 50% तक डिडक्शन दिया जा सकता है।

खास बात यह है कि ट्रस्ट की जो कमाई होगी, वह अन्य रजिस्टर्ड धार्मिक ट्रस्टों की तरह ही इनकम टैक्स के सेक्शन 11 और 12 के तहत छूट के दायरे में होगी। हालांकि, सेक्शन 80जी के तहत सभी धार्मिक ट्रस्टों के दानकर्ताओं के लिए इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान नहीं है। किसी भी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट को पहले सेक्शन 11 और 12 के तहत इनकम टैक्स में छूट के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद ही उसके दानकर्ताओं को इनकम टैक्स में छूट मिलती है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने 2017 में नोटिफाई किया था कि चेन्नई के मायलापुर में स्थित अरुलमिगु कपलीस्वरर थिरुकोइल , कोट्टिवक्कम में स्थित अरियाकुड़ी श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर और महाराष्ट्र के सज्जनगढ़ में स्थित श्रीराम और रामदास स्वामी समाधि मंदिर और रामदास स्वामी मठ ऐतिहासिक अहमियत और सार्वजनिक पूजा वाले स्थलों में आते हैं और इन्हें इनकम टैक्स के सेक्शन 80जी के तहत छूट दी जाएगी। इनके अलावा पंजाब के अमृतसर में स्थित गुरुद्वारा श्री हरमिंदर साहिब में भी दानकर्ताओं को इनकम टैक्स के एक्ट 80जी के तहत छूट मिलती है।

9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि केस में फैसला सुनाते हुए कहा था कि विवादित स्थल पर राम मंदिर का ही निर्माण होगा, जबकि 1992 में ढहाई गई मस्जिद के लिए सरकार सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही 5 एकड़ प्लॉट मुहैया कराएगी। इसके तीन महीने बाद ही सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित ट्रस्ट का रास्ता साफ कर दिया था। ट्रस्ट को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम दिया गया था और इसका गठन 5 फरवरी को हुआ था। इसमें अभी 15 सदस्य हैं।