Triple Talaq Bill, The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2019 News in Hindi: संसद के निचले सदन यानी कि लोकसभा में तीन तलाक बिल यानी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 तीसरी बार पास हो गया। गुरुवार (25 जुलाई, 2019) को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल के पक्ष में 303 वोट पड़े, जबकि विरोध में 93 वोट डले। बता दें कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय में तीन बार तलाक कहकर पत्नी को तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने से जुड़ा है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक को पैगम्बर मोहम्मद ने गलत बताया और 20 इस्लामी देशों में यह निषिद्ध है। ऐसे चलन को कोई जायज नहीं ठहरा सकता और ऐसे में नारी सम्मान और हिन्दुस्तान की बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा संबंधी इस पहल का सभी को समर्थन करना चाहिए।

उन्होंने इस बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक को सियासी चश्मे से नहीं देखना चाहिए। यह इंसाफ से जुड़ा विषय है। इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है।

सदन में एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक को पारित किरने के लिये आगे बढ़ाने का विरोध किया। उन्होंने साथ ही मत विभाजन की मांग की। सदन ने इसे 82 के मुकाबले 303 मतों से अस्वीकार कर दिया। बाद में कुछ सदस्यों के संशोधनों को हॉ और ‘ना’ के माध्यम से अस्वीकार कर दिया गया।

TMC, जेडीयू और कांग्रेस का वॉक आउटः वोटिंग से पहले इस बिल के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया था, जबकि विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेसी और जेडीयू सांसद भी सदन से बाहर चले गए थे।

इससे पहले, चर्चा के दौरान कांग्रेस ने तीन तलाक पर रोक लगाने वाले बिल को स्थाई समिति को भेजने की मांग की। साथ ही कहा कि इसे फौजदारी का मामला बनाना ठीक नहीं है। वहीं, द्रमुक की कनिमोई ने इस बिल विरोध किया और बोलीं कि महिलाओं को खुद तय करने दें कि उन्हें क्या चाहिए।