तमाम नीतियों और सिद्धांतों की दुहाई देने के बाद भी देश की सबसे बड़ी पंचायत में बैठे लोग अपने व्यवहार में परिवर्तन नहीं ला रहे हैं। इसकी वजह से संसद का कामकाज हर बार प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को राज्यसभा में चुनाव कानून विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कुछ ऐसा किया, जिसकी वजह से उन्हें सदन के शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि चर्चा के दौरान वे किसी बात से असहमत हो कर राज्यसभा की नियम पुस्तिका सभापति की ओर फेंक दी। उनके इस व्यवहार पर कई लोगों ने अप्रसन्नता जताई। सभापति के आसन पर मौजूद सस्मित पात्रा ने कहा कि टीएमसी सांसद ने एक प्वॉइंट ऑफ ऑर्डर उठाया था और डिप्टी चेयरमैन ने इसका विधिवत जवाब दिया था, लेकिन थोड़ी देर बाद, ओ’ब्रायन ने नियम पुस्तिका को सभापति की दिशा में उछाल दिया।
उन्होंने कहा, “नियम पुस्तिका जिस तरह फेंकी गई, उससे वह सभापति, या महासचिव या मेज पर बैठे अधिकारियों से टकरा सकती थी।” उनके इस व्यवहार पर सदन में कुछ देर के लिए साइलेंट जैसी स्थिति बन गई।
इस संबंध में संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया। उसको पारित करने के बाद टीएमसी सांसद को निलंबित कर दिया गया था। शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को समाप्त होने वाला है।
इस बारे में टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट कर कहा, “पिछली बार मुझे राज्यसभा से तब निलंबित किया गया था जब सरकार कृषि कानूनों को धता बता रही थी। हम सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ। आज, भाजपा द्वारा संसद का मजाक बनाने और चुनाव कानून विधेयक 2021 को धता बताने के विरोध में निलंबित कर दिया गया। आशा है कि यह विधेयक भी जल्द ही निरस्त कर दिया जाएगा।”
इससे पहले विपक्ष की आलोचना के बीच, सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि आधार को मतदाता सूची से जोड़ने के विधेयक से विभिन्न स्थानों पर एक व्यक्ति के कई नामांकन की “बड़ी समस्या” का समाधान होगा और मतदाता सूची को काफी हद “साफ” करने में मदद मिलेगी।
यह दावा उस दिन आया जब संसद ने मतदाता सूची डेटा को आधार से जोड़ने के लिए ‘चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021’ पारित किया। एक दिन पहले ही लोकसभा ने संक्षिप्त चर्चा के बाद निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान की थी।
