राजमार्ग पर रेल मार्ग के बाद अब हवाई मार्ग का रास्ता खुलेगा। जैसे अभी रेलवे लाइन पर किसी रेलगाड़ी के आने पर फाटक लगता है, ठीक उसी प्रकार आपातकाल में राजमार्ग पर फाटक लगाकर राजमार्ग का प्रयोग हवाई मार्ग के लिए किया जा सकेगा। इस तकनीक पर आधारित मार्ग देश के सीमावर्ती इलाकों में तैयार किए जा रहे हैं और केंद्र सरकार ऐसी 35 हवाई मार्ग पर काम कर रही है। ये मार्ग न सिर्फ आपातकाल में राज्य के लिए मददगार साबित होंगे, इनसे भविष्य में राज्यों को हवाई यातायात को भी जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार को अलग हवाई अड्डे का इंतजाम नहीं करना होगा।

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक देश भर में कुल ऐसे तीस हवाई मार्ग तैयार होने हैं, इन में से तेरह से चौदह पर सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा काम किया गया है बाकी पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान सीमा के नजदीक बाड़मेर (राजस्थान) हवाई मार्ग का उदाहरण देते हुए बताया कि अब तक इस जगह से हवाई सेवा के लिए यात्रियों को करीब 350 किलोमीटर का सफर तय करके जाना होता था लेकिन यह राजमार्ग तैयार होने अब लोगों को यह सफर तय नहीं करना होगा। आपात स्थिति में कोई भी सेवा आसानी से सीमावर्ती क्षेत्र तक पहुंचाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त सरकार भविष्य में विमान सेवाओं के बेहतर प्रयोग के नजरिये से भी इन हवाई मार्ग को देख रही है।

केंद्र सरकार की तय कार्य योजना के मुताबिक ये हवाई मार्ग जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा और पंजाब में तैयार किए जा रहे है। इन राज्यों के प्रमुख राजमार्ग जैसे दिल्ली मुरादाबाद, रामपुर काठ गोदाम, लखनऊ वाराणसी, किशनगंज – इस्लामपुर, जमशेदपुर, बालासोर, खड़गपुर क्योंझर, मोहनबाड़ी – तिनसुकिया, छतरपुर दीघा पर यह व्यवस्था लागू हो सकेगी।

इन मार्गाें को विशेष विमान क्षमताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है ताकि आसानी से लडाकू विमान यहां पर उतारे जा सकें। मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसी पहल को सबसे पहले राजस्थान के राजमार्ग पर वर्ष 2021 में शुरू किया गया था। इस मार्ग पर सबसे पहले वायु सेना के सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस को लैंड कराया गया था।

पूर्वांचल में भी ऐसी ही एक मार्ग तैयार की जा चुकी है, जो कि सुलतान जिले में तैयार की गई है। इस मार्ग पर खुद प्रधानमंत्री वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से हवाई मार्ग पर उतरे थे, यहां वायु सेना ने सुखाई और मिराज से एक बेहतरीन एअर शो आयोजित किया गया था।