पूजा खेडकर के बारे में जितनी जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे उनके नए-नए कारनामों का पता चल रहा है। अब पता चला है कि उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास करने के लिए जो दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने के लिए जो राशन कार्ड बनवाया था, उसके लिए घर का पता भी गलत दिया था। यह दिव्यांगता प्रमाणपत्र पिंपरी के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल से बनाया गया था।
इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएएस पूजा खेडकर हॉस्पिटल को अपने पते के लिए प्रमाण के तौर पर राशन कार्ड दिया था। राशन कार्ड पर जो पता लिखा था, वह कोई रिहायशी जगह नहीं थी, बल्कि वह एक बंद हो चुकी कंपनी का पता था।
यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल से बनवाया था सर्टिफिकेट
रिपोर्ट के मुताबिक पूजा खेडकर ने गलत पते से फर्जी राशन कार्ड बनवाया। उस राशन कार्ड को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने में एड्रेस प्रूफ के लिए पिंपरी के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल में जमा किया। इसके जरिए लोकोमोटर डिसैबिलिटी का दावा कर दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाया गया था।
वह जिस ऑडी कार का इस्तेमाल करने की वजह से चर्चा में आई थीं, वह भी इसी इसी बंद हो चुकी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस कंपनी पर ढाई लाख से ज्यादा का टैक्स भी बकाया है।
उधर, पूजा खेडकर ने पुणे के डीएम सुहास दिवसे पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए वाशिम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन पर पुणे कलेक्टर ऑफिस में तैनाती के दौरान किए गए आचरण को लेकर भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है। सोमवार को उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों को अपने आवास पर बुलाया और डीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। हालांकि उन्होंने इस बारे में मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ जरूरत थी, इसलिए महिला पुलिसकर्मियों को आवास पर बुलाया था।
एक अन्य घटना में पूजा खेडकर की मां का पुणे में मेट्रो रेल निर्माण श्रमिकों के साथ कथित तौर पर बहस करने का एक वीडियो सामने आया है। कुछ दिनों पहले भी खेडकर की मां का एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पिस्तौल लेकर लोगों के एक समूह को धमका रही थीं। वीडियो में खेडकर की मां मनोरमा मेट्रो रेल निर्माण श्रमिकों से बहस करती नजर आ रही हैं, जहां कुछ पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। हालांकि, 27 सेकेंड की यह क्लिप किस तारीख की है, इसका पता नहीं चल पाया है।