कभी सोनिया गांधी के बेहद वफादार और करीबी माने जाने वाले टॉम वडक्कन आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ईसाई चेहरे हैं। वडक्कन ईसाइयों को बीजेपी में लाने में खूब मददा कर रह हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी उनका इस्तेमाल कर रही है। टॉम वडक्कन 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।
द इंडियन एक्सप्रेस में छपे लेख दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के अनुसार वडक्कन तेजी से ईसाई चेहरा बनते जा रहे हैं। वडक्कन को जब लोकसभा चुनाव में केरल से टिकट नहीं दिया था तो वे नाराज़ हुए थे। हालांकि उनका उपयोग भाजपा द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव के दौरान किया गया था। वडक्कन ने बिशप और ईसाई नेताओं के साथ भाजपा नेताओं के संबंधों को सुधारने में मदद की थी। वडक्कन को पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता बनाने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा। लेकिन उनके आरएसएस के साथ अच्छे संबंध रहे।
उन्होने आरएसएस नेताओं इंद्रेश कुमार के चर्च के नेताओं के साथ संबंध स्थापित करने में मददा दी। रविवार को वडक्कन को ईसाई समुदाय के साथ संघ की बातचीत के लिए कुमार के संरक्षण में ईसाई राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष नियुक्त किया गया। केरल में जल्द चुनाव होने वाले हैं ऐसे में बीजेपी वडक्कन को और अधिक जिम्मेदारियां दे सकता है।
बता दें टॉम को सोनिया गांधी का ही नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता विंसेंट जॉर्ज का भी करीबी माना जाता था। टॉम वडक्कन किसी जमाने में कांग्रेस प्रवक्ता और हर रोज टेलीविजन स्क्रीन पर दिखने वाला चेहरा हुआ करते थे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले 1980 के दशक में टॉम वडक्कन कॉर्पोरेट सेक्टर में काम कर थे। राजीव गांधी के संपर्क में आने के बाद टॉम वडक्कन ने अपनी नौकरी छोड़ दी और वह कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में वडक्कन को त्रिशूर से पार्टी प्रत्याशी के तौर पर भी प्रोजेक्ट किया गया लेकिन आखिर में उनका टिकट काट दिया गया। वह केरल के त्रिशूर के ही रहने वाले हैं।