पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर कस्बे में एक तृणमूल कार्यकर्ता की पिटाई का मामला सामने आया है। घटना शनिवार रात की है। पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं पर इस शख्स की पिटाई करने का आरोप है। बता दें कि पीड़ित शख्स ने एक बड़े तृणमूल नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ‘दीदी को बोलो’ हेल्पलाइन पर शिकायत की थी।

अंग्रेजी अखबार टेलिग्राफ के मुताबिक, टोटोन दास नाम के इस शख्स का आरोप है कि चंद्रशेखर बनर्जी उसे पहले भी उस वक्त थप्पड़ मार चुके हैं जब उन्होंने गुरुवार को भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। दास ने आरोप लगाया, ‘मुझे फोन पर सुझाव दिया गया कि मैं पुलिस में शिकायत करूं। मैं पुलिस के पास जाने का फैसला किया था। हालांकि, बीती रात बोरोघ चेयरमैन (बनर्जी) के नजदीकी कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मुझपर हमला किया।’

वहीं, बनर्जी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी में मेरे विरोधी धड़े और विपक्ष की साजिश है।’ बता दें कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से जुड़ने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जनता के बीच अपनी पहुंच बनाने के लिए नए अभियान शुरू कर चुकी हैं। इन्हीं में से एक ‘दीदी को बोलो’ कैंपेन है।

हालांकि, इस अभियान के तहत पार्टी और इसके बड़े नेताओं को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ रही है। हाल ही में एक मामला सामने आया था, जब ममता सरकार के मंत्री रबिंद्र नाथ घोष की सार्वजनिक तौर पर किरकिरी हो गई। घोष जब अभियान का प्रचार कर रहे थे तभी तृणमूल कांग्रेस के समर्थक इमादउल हक का गुस्सा फूट पड़ा।

इमाद ने कहा कि उसने सात साल पहले तूफानगंज में एक आदमी को नौकरी के लिए 7 लाख रुपये दिए। उस आदमी ने दावा किया था कि वह टीएमसी का नेता है। हक ने कहा कि उस आदमी ने बेटे की नौकरी लगाने की बात कही थी लेकिन आज की तारीख में भी उनका बेटा बेरोजगार है। इमाद के मुताबिक, उन्होंने अन्य नेताओं से भी संपर्क किया लेकिन ना तो बेटे की नौकरी लगी और ना ही पैसे वापस मिले।