‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर बनी हाई लेवल कमेटी ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बनर्जी पार्टी की ओर से बैठक में शामिल हुए। इससे पहले सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह दिल्ली में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी।

कल्याण बनर्जी बोले- यह तानाशाही सरकार बनाने की योजना

टीएमसी को राष्ट्रपति शासन की आशंका सता रही है। बैठक के बाद कल्याण बनर्जी ने कहा, “‘आज हम अपने पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली समिति के सामने पेश हुए। हम ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के इस विचार का विरोध करते हैं। इसमें एक छिपा हुआ एजेंडा है। ये तानाशाही सरकार बनाने की योजना है और भविष्य में राष्ट्रपति शासन प्रणाली बनाने का एक तरीका है। संवैधानिक प्रावधानों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।”

इससे पहले ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा न लेने की जानकारी देते हुए कहा था, “मैंने अपनी दिल्ली यात्रा रद्द कर दी है क्योंकि राज्य का बजट 8 फरवरी को है। मेरे पास केवल 2 दिन बचे हैं। मैंने एक आपात स्थिति के कारण अपनी दिल्ली यात्रा रद्द की।”

ममता बनर्जी ने लिखा पत्र

इससे पहले ममता बनर्जी ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखकर कहा था कि वह एक साथ चुनाव की अवधारणा से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि भारतीय संविधान इस अवधारणा का पालन नहीं करता है। उन्होंने कहा था, “क्या भारतीय संविधान ‘एक राष्ट्र, एक सरकार’ की अवधारणा का पालन करता है? यह नहीं करता है। हमारा संविधान संघीय तरीके से भारतीय राष्ट्र की कल्पना करता है। इसलिए भारतीय राष्ट्र को एक केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें दी गई हैं। यदि भारतीय संविधान के निर्माताओं ने ‘एक राष्ट्र, एक सरकार’ की अवधारणा का उल्लेख नहीं किया, तो आप ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा पर कैसे पहुंचे?”

2 फरवरी को भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन-वन इलेक्शन पर उच्च स्तरीय समिति ने Confederation of Indian Industry (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी।