मॉनसून सत्र से पहले लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ नाम से ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है, जिनका इस्तेमाल सदन की कार्यवाही में नहीं सकेगा। सूची में भ्रष्ट, जुमलाजीवी, तानाशाह, कमीना, दलाल, घड़ियाली आंसू, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, जैसे शब्दों को शामिल किया गया है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सूची को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने ऐसे नियमों को पाबंदी बताते हुए कहा है, ”कुछ ही दिनों में संसद का सत्र शुरू होने वाला है। सांसदों पर पाबंदी लगाने वाला आदेश जारी किया गया है। अब हमें संसद में भाषण देते समय इन बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शर्म आनी चाहिए, दुर्व्यवहार किया, धोखा दिया, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम। मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। मुझे निलंबित कर दीजिए। लोकतंत्र के लिए लड़ाई लडूंगा।”

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज करते हुए ट्वीट किया है, ‘मोदी सरकार की सच्चाई बताने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्दों को अब ‘असंसदीय’ शब्दों की श्रेणी में डाल दिया गया है। अब आगे क्या विषगुरु?’

बता दें कि 18 जुलाई से शुरु होने जा रहे मॉनसून सत्र से पहले लोकसभा सचिवालय ने एक बुकलेट जारी कर कुछ शब्दों को असंसदीय घोषित कर दिया है। बुकलेट में ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक से शब्दों और वाक्यों की सूची जारी की गई है। सूची में भ्रष्ट, जुमलाजीवी, तानाशाह, कमीना, दलाल, घड़ियाली आंसू, खून की खेती, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों और वाक्यों को शामिल गया है।

नियम के मुताबिक, ऐसी अभिव्यक्त को असंसदीय मानते हुए रिकार्ड से निकाल दिया जाएगा। इस लिस्ट में कुछ ऐसे शब्दों को भी शामिल कर लिया गया है, जो बेहद सामान्य हैं और बोलचाल में बराबर उनका उपयोग होता है। अंग्रेजी के ऐसे ही शब्द हैं ashamed, abused, betrayed, corrupt, drama, hypocrisy, और incompetent.

क्या है नियम : सदन में कई बार सांसद ऐसे शब्दों और वाक्यों का इस्तेमाल कर देते है, जिन्हें बाद में सभापति या अध्यक्ष के आदेश से रिकॉर्ड या कार्यवाही से बाहर निकाल दिया जाता है। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुकलेट में वही शब्द और वाक्य शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था।