गुरुवार को केंद्र सरकार के आठ मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर संसद में हुए हंगामे को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। इस दौरान केंद्र सरकार के मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं से माफ़ी की मांग की। केंद्र सरकार के मंत्रियों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस किए जाने के बाद टीएमसी एमपी डेरेक ओ ब्रायन ने भी पलटवार करते हुए सरकार से 8 सवाल पूछे और कहा कि एक भी जवाब देकर दिखाओ।
टीएमसी से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपने ट्विटर अकाउंट से वीडियो पोस्ट कर केंद्र सरकार के आठों मंत्रियों से आठ सवाल पूछा। पहला सवाल पूछते हुए डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद में ओबीसी को लेकर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कहां थे जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा सदन में ही मौजूद थे।
आगे डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि दोनों सदनों में 38 विधेयकों को 10 मिनट प्रति बिल के औसत चर्चा के साथ क्यों पारित किया गया? लोकसभा में 10 में से केवल एक विधेयक संसदीय जांच के लिए क्यों गया? प्रत्येक 10 विधेयकों में से लगभग 4 विधेयक अध्यादेश क्यों हैं? जबकि पहले यह एक या दो हुआ करता था।
इसके अलावा डेरेक ओ ब्रायन ने यह भी सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले पांच वर्षों में राज्यसभा में एक भी सवाल का जवाब क्यों नहीं दिया? जबकि मनमोहन सिंह जी ने 22 सवालों के जवाब दिए। बीते दो साल से सरकार ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर क्यों नहीं चुना? आपने विपक्ष को पेगासस, आंतरिक सुरक्षा, कृषि कानूनों पर चर्चा की अनुमति क्यों नहीं दी। साथ ही डेरेक ओ ब्रायन ने यह भी पूछा कि संसद चलाना किसका काम है? यह सरकार की जिम्मेदारी है या विपक्ष की जिम्मेदारी है?
8 Ministers just addressed a press conference.
To them, we ask.
Answer even one of these 8 questions. Try.
Then talk to us about #Parliament.
The United Opposition have a strong case. You are full of faff.
VIDEO pic.twitter.com/U6gl1QK5JM
— Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) August 12, 2021
गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष पर सदन के अंदर हंगामा करने का आरोप लगाया और सदन की कार्यवाही बाधित होने के लिए विपक्ष को कसूरवार ठहराया। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा में सेक्रेटरी जनरल की टेबल नाचने और विरोध प्रदर्शन करने के लिए नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि संसद को काम नहीं करने में विपक्ष पूरी तरह से विघटनकारी रहा। मगरमच्छ के आंसू बहाने के बजाय विपक्ष को शर्म आनी चाहिए और इस देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
बता दें कि बुधवार को सामान्य बीमा व्यवसाय संशोधन विधेयक के पारित होने के दौरान जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष इस विधेयक को संसदीय समिति में भेजने की मांग कर रहा था। लेकिन जब सरकार ने इस बिल पर चर्चा के लिए दवाब बनाया तो विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। जिसके तुरंत बाद बड़ी संख्या में मार्शल सदन के अंदर आ गए। बाद में कई विपक्षी सांसदों ने मार्शल पर हाथापाई करने और धक्का मुक्की करने का आरोप लगाया। बुधवार को सांसदों के साथ हुई कथित बदसलूकी को लेकर गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।