बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच तृणमूल कांग्रेस को झटका लगा है। नेशनल इन्वस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पार्टी नेता छत्रधर महतो को गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए ने महतो को 2009 में सीपीआई नेता प्रबीर महतो की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके ऊपर यह भी आरोप है कि साल 2009 में उन्होंने कथित तौर पर भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था।

रविवार को महतो को दो दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया। छत्रधर महतो को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। उनकी पहचान आदिवासी चेहरे के रुप में रही है। विधानसभा चुनाव में महतो टीएमसी के लिए लगातार प्रचार कर रहे थे। वह ममता बनर्जी के कोर स्टेट कमेटी में सदस्य भी है। 2016 के विधानसभा चुनाव के में जेल में रहने के दौरान भी उन्होंने टीएमसी को सहयोग किया था और पार्ट को आदिवासी क्षेत्र में अच्छी सफलता मिली थी।

एनआईए ने छत्रधर महतो को 16, 18 और 22 मार्च को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया था। लेकिन छत्रधर महतो ने कहा था कि उनके दांत में दर्द है इस कारण वो एजेंसी के सामने पेश नहीं हो सकते हैं। उन्होंने दांत में दर्द की मेडिकल रिपोर्ट भी दिखायी थी। लेकिन रिपोर्ट से एनआईए संतुष्ट नहीं थी। बार-बार समन के बाद भी जब महतो एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए तो एनआईए ने हाईकोर्ट का रुख किया था। कोर्ट के आदेश के बाद झाड़ग्राम विधानसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने के साथ एनआईए की 40 सदस्यों वाली टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि साल 2009 में महतो पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। मई 2015 में मेदिनीपुर जिला अदालत ने छत्रधर महतो को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

बताते चलें कि छत्रधर महतो माओवादियों के एक ब्लास्ट में शामिल होने के कारण 10 साल की सजा काट चुके हैं। उस घटना में पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के काफिले को निशाना बनाया गया था।