Bengal Elections: पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे को लेकर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी करारा हमला बोला है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “शकुनि का चेला दुशासन बंगाल में जानकारी इकट्ठा करने आया है। जैसे ही चुनाव आते हैं, दुशासन और दुर्योधन दिखने लगते हैं। आज वे (BJP) कह रहे हैं कि ममता बनर्जी ने जमीन नहीं दी। पेट्रापोल और अंडाल में ज़मीन किसने दी? वे कहते हैं कि घुसपैठिए सिर्फ़ बंगाल से ही आते हैं। अगर ऐसा है, तो क्या आपने पहलगाम में हमला किया था? दिल्ली में हुई घटना के पीछे कौन था?…”
ममता बनर्जी ने कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके किया जा रहा है। उन्होंने इसे एक “बड़ा घोटाला” करार दिया। बनर्जी ने 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बांकुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए यह दावा किया। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि एसआईआर के नाम पर गरीबों और आम आदमी को प्रताड़ित किया जा रहा है।
बनर्जी ने हर चुनाव से पहले भाजपा के “शोनार बांग्ला” (समृद्ध पश्चिम बंगाल) बनाने के दावे का भी मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में भाजपा ‘शोनार बांग्ला’ बनाने का वादा करती है। भाजपा शासित सभी राज्यों में बंगाली भाषी लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं, ऐसे में वे ‘शोनार बांग्ला’ कैसे बनाएंगे?”
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन मंगलवार (30 दिसंबर) को उन्होंने कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की सत्ताधारी टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल आज भय, भ्रष्टाचार, कुशासन और घुसपैठ की समस्या से जूझ रहा है और राज्य की जनता अब बदलाव चाहती है।
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अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा कि अगर बंगाल में BJP की सरकार बनती है, तो घुसपैठ को पूरी तरह रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि हम ऐसी मजबूत राष्ट्रीय ग्रीड बनाएंगे, जो बंगाल से घुसपैठ को समाप्त कर देगी। इंसान छोड़ दीजिए परिंदा भी पैर नहीं मार पाए। हम सिर्फ घुसपैठ रोकेंगे ही नहीं, बल्कि घुसपैठियों को चुन-चुनकर भारत के बाहर भेजने का काम भी किया जाएगा।
अमित शाह का यह बयान ऐसे समय आया है, जब राज्य में SIR को लेकर पहले से ही राजनीतिक माहौल गर्म है। खासकर मतुआ समाज में इस प्रक्रिया को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है और कई इलाकों में सुनवाई भी चल रही है। टीएमसी का आरोप है कि SIR के नाम पर वैध मतदाताओं को परेशान किया जा रहा है, जबकि भाजपा का कहना है कि यह प्रक्रिया घुसपैठ और फर्जी वोटरों को हटाने के लिए जरूरी है।
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