Tirupati Prasadam Controversy:आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डुओं को बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर राज्य के CM चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली सरकार ने जिस कंपनी को घी सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट दिया था, उस घी में जानवरों की चर्बी का भी इस्तेमाल किया जाता था। TDP ने इसको लेकर गुजरात की लैब रिपोर्ट भी पेश की। इस मुद्दे पर पूरे देश में विवाद हो रहा है। वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता की सुरक्षा बेहद जरूरी है।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तिरुपति विवाद को लेकर कहा है कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर भक्त को दुखी करेगा और इस पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। भारत भर के अधिकारियों को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी।
सस्ती कीमत में घी पर ही जाना चाहिए सरकार का ध्यान
वहीं आंध्र प्रदेश में श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले बोर्ड तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने कथित रूप से जानवरों के घी से जुड़े विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इतनी कम कीमत पर घी की आपूर्ति का वादा करने वाली कंपनियां पिछली सरकार के लिए खतरे की घंटी होनी चाहिए थी।
TTD की कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया कि इस साल 6 जुलाई और 12 जुलाई को एनडीडीबी सीएएलएफ को घी के चार नमूने भेजे गए थे। राव ने दावा किया कि चारों नमूने एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सप्लाई किए गए थे और चार टैंकरों में आए थे। हालांकि, घी बनाने वाली कंपनी ने इससे इनकार किया है और इसके गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के प्रमुख ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह घी का नमूना एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड का नहीं हो सकता।
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पिछली सरकार ने किया था अनुबंध
राव के अनुसार पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार ने इस वर्ष 12 मार्च को घी की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की थी और 8 मई को यह निविदा आवंटित कर दी गई। आपूर्ति 15 मई से शुरू हुई। पिछले साल जुलाई में TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के साथ अपने अनुबंध को नवीनीकृत न करने का फैसला किया था और इसके बजाय ई-टेंडर जारी करने के बाद अन्य आपूर्तिकर्ताओं को चुना था।
जे श्यामला राव ने शुक्रवार को कहा कि 6 जुलाई को आए दो टैंकरों और 12 जुलाई को आए दो टैंकरों में घी की गुणवत्ता बहुत खराब थी। यह घी जैसा दिख रहा था, लेकिन ऐसा नहीं था। तुरंत, सभी आपूर्ति रोक दी गई और कार्रवाई शुरू की गई। टीटीडी में मिलावट की जांच करने वाली प्रयोगशाला नहीं है, और नमूनों को एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजना पड़ता है। एनडीडीबी सीएएलएफ प्रयोगशाला में चार नमूनों का परीक्षण करने का निर्णय लिया गया, जिसमें पशु वसा की उपस्थिति का पता चला।
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कंपनी को किया गया ब्लैकलिस्ट
राव ने कहा कि 320 रुपये प्रति किलो पर शुद्ध गाय का घी नहीं दिया जा सकता। यह उचित कीमत नहीं है। कम कीमत एक खतरे की घंटी होनी चाहिए थी क्योंकि इससे घी की गुणवत्ता से समझौता हो जाता। जब नई सरकार ने शपथ ली और मुझे कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया, तो सीएम (चंद्रबाबू नायडू) ने लड्डू की गुणवत्ता के साथ-साथ इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता पर भी चिंता जताई।
आपूर्तिकर्ताओं में से, एआर डेयरी फूड्स द्वारा आपूर्ति किया गया घी घटिया पाया गया, इसलिए हमने नमूने प्रयोगशाला में भेजे। राव ने कहा कि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।