दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत कहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि किसानों को केजरीवाल ने चर्चा के लिए बुलाया है। उनका कहना है कि जो भी फैसला होगा, वो संयुक्त किसान मोर्चा करेगा। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा भीड़ से कानून नहीं बदलते।
ध्यान रहे कि 28 फरवरी को मेरठ में किसान महापंचायत है। उसमें भारी संख्या में किसान मौजूद होंगे। किसान महापंचायत के अंदर भी तीनों कानूनों के ऊपर चर्चा की जाएगी और इनको वापस लेने के लिए केंद्र सरकार से अपील की जाएगी। इसी बैठक को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए किसान नेताओं के साथ मुलाकात की थी। लेकिन राकेश टिकैत का बैठक में न आना चर्चा का विषय बना है।
आखिर क्यों राकेश टिकैत (@RakeshTikaitBKU) ने कहा कि कौन से किसान नेता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने गए हैं उन्हें नहीं पता? देखिए @ramkinkarsingh की रिपोर्ट#FarmersProtest #RakeshTikait #RE pic.twitter.com/cKuqiHGqgl
— AajTak (@aajtak) February 21, 2021
Farmers Protest: किसानों के साथ बैठक से पहले केजरीवाल को बड़ा झटका, Rakesh Tikait नहीं होंगे शामिल #FarmersProtest #ArvindKejriwal #RakeshTikait #Indianewslive@ArvindKejriwal @RakeshTikaitBKU @PMOIndia @Inkhabar @RanaYashwant1 @IndiaNews_itv #WATCH : https://t.co/TUiqLLHyE5
— India News (@IndiaNews_itv) February 21, 2021
ख़बर दिन भर | कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- भीड़ इकट्ठा करने से कानून नहीं बदलते, बताएं इन कानूनों में किसानों के खिलाफ क्या है @shreyam_dey #ABPLivePodcasts #FarmersProtest https://t.co/EumWQLC47k
— ABP News (@ABPNews) February 22, 2021
बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में किसानों के साथ इन तीनो कानूनों पर चर्चा करने आए थे। उनका कहना था कि बीजेपी और केंद्र सरकार बार-बार यह कह रही है कि इन कानूनों से किसानों को फायदा है लेकिन अभी तक एक भी फायदा जनता को बताने में नाकाम रहे हैं। यह तीनों कानून एक तरह से किसानों के लिए डेथ वारंट हैं। अगर यह तीनों कानून बने रहते हैं तो देश के किसानों के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो जाएगी। किसानों की किसानी कुछ चंद पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि भीड़ इकट्ठा करने से कानून नहीं बदलते। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन बताएं कि इन कानूनों में किसानों के खिलाफ क्या है और सरकार उसमें संशोधन करने को तैयार है। तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने संवेदनशीलता के साथ किसान संगठनों से 12 दौर की बातचीत की है। लेकिन बातचीत का निर्णय तब होता है, जब आपत्ति बताई जाए। उन्होंने कहा कि सीधा कहोगे, कानून हटा दो। ऐसा नहीं होता है कि कोई भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाए।
उन्होंने कहा कि किसान के हितों के मुद्दे पर सरकार आज भी संशोधन करने को तैयार है और इस बारे में तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं। उनका कहना था कि किसानों को चाहिए कि वो सरकार से बात करें और अपनी आपत्ति से सरकार को अवगत कराएं।