प्रदीप श्रीवास्तव

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा विधानसभा चुनाव के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय हरियाणा में चुनावी तैयारियों को लेकर जो ब्योरा देते हैं ,उसके मुताबिक भाजपा ने प्रदेश में काफी पहले अपने चुनावी पटकथा तैयार कर ली थी। इन तैयारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान आधार पर विजयवर्गीय प्रदेश में कुछ समय पहले तक संगठनात्मक रूप से हाशिए पर पड़ी भाजपा के दो तिहाई बहुमत से विधानसभा में पहुंचने का दावा कर रहे हैं।

विजयवर्गीय मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने करीब डेढ़ महीने पहले हरियाणा चुनाव की कमान जब से उन्हें सौंपी, तब से वे रोहतक में लगातार अपना डेरा जमाए रहे। मंगलवार को वे दिल्ली में थे। इस संवाददाता से हुई बातचीत में विजयवर्गीय ने बताया कि चुनावी घोषणा के तीन महीने पहले देश भर से पार्टी संगठन का काम देख रहे लोगों को हरियाणा भेज दिया गया था। इन लोगों ने पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों के साथ हर एक मतदान केंद्र पर संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया।

विजयवर्गीय के अनुसार, इसीलिए चुनाव के शुरुआती दौर में लोगों ने पहले कहना शुरू किया कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में चुनाव बाद उभर सकती है। फिर चुनाव के अंतिम दौर में यह कहा जाने लगा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बन रही है। उनका यह कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश में 60 या इससे अधिक सीटें लाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जब हजकां के साथ गठबंधन की बात चल रही थी तो 45 सीट की बात थी।

गौरतलब है कि भाजपा ने हरियाणा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में किसी का नाम नहीं पेश किया। इस पर विजयवर्गीय का कहना है किमुख्यमंत्री पार्टी और चुनाव के लिए कोई मुद्दा नहीं है। लोग मोदी, उनकी अपील को स्वीकार कर रहे हैं। आठ साल तक मोदी प्रदेश के पार्टी संगठन सचिव रहे हैं। इससे भी लोगों को मोदी से लगाव है। जब उन्हें याद दिलाया गया पिछले दिनों जिस तरह उपचुनावों में विभिन्न प्रदेशों से नतीजे आए , उससे यह कहा जाने लगा कि मोदी का असर खत्म हो रहा है, इस पर उनका कहना था उपचुनावों और आम चुनाव में अंतर होता है। उपचुनाव व्यक्ति विशेष और स्थानीय मुद्दों पर होता है। राष्ट्रीय नेता प्रचार में हिस्सा नहीं लेते इसलिए इन दोनों की तुलना करना उचित नहीं है।

विजयवर्गीय का मानना है कि मोदी और भाजपा से प्रदेश का युवा वर्ग ज्यादा प्रभावित है। उनके मुताबिक वहां पर नया युवा मतदाता वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद की राजनीति में परिवर्तन चाहता है। भाजपा ने राष्ट्रवाद का नारा दिया जिसे युवाओं ने पसंद किया। 13 अक्टूबर को जिस दिन प्रचार खत्म हुआ उस दिन डेरा सच्चा सौदा के समर्थन को लेकर प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया।

भाजपा ने दावा किया है कि उसे डेरा सच्चा का समर्थन मिल गया है जबकि दूसरी पार्टियों ने इस दावे का खंडन किया है। इस मामले पर विजयवर्गीय अब भी यह मानते हैं कि उनकी पार्टी को डेरा सच्चा सौदा का समर्थन मिल गया है।