नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर सोमवार को दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के प्रमुख कांग्रेस नेताओं की एक महत्त्वपूर्ण बैठक नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन हॉल में आयोजित की गई, जिसमें विधानसभा चुनावों में भाजपा और आप को बेनकाब करने की रणनीति पर चर्चा की गई।
बैठक को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह, पूर्व सांसद सज्जन कुमार, कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता हारून यूसुफ, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा, योगानंद शास्त्री, जगप्रवेश कुमार, राम सिंह नेताजी, बलराम तंवर, ओमप्रकाश बिधूड़ी, विजय सिंह लोचव, महेंद्र यादव ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सांसद रमेश कुमार ने की। इस मौके पर पूर्व महापौर सतवीर सिंह, उपमहापौर प्रवीन राणा, वीर सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष रंजीत यादव, महिला कांग्रेस की नेता अर्चना चौहान, राजेंद्री सहरावत भी मौजूद थीं। बैठक में मौजूद कांग्रेस के सभी नेताओं ने पारित प्रस्ताव का समर्थन करते हुए संकल्प लिया कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी जिस किसी को भी उम्मीदवार बनाएगी, कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता अपने आपसी मतभेद भुलाकर पूरी एकजुटता के साथ उस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे और पूरी ताकत के साथ उसे विजयी बनाएंगे।
अरविंदर सिंह ने बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं से अपील की कि दिल्ली का एक-एक कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी तरह से एकजुट है और आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा और आप पार्टी को पूरी मजबूती के साथ टक्कर देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सत्ता में नहीं होना कांग्रेस के लिए कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कांग्रेस सत्ता में नहीं थी तब कांग्रेस विरोधी सांप्रदायिक पार्टियों के जमावड़े ने 1977 में देश में सत्ता संभाली थी और कहा था कि अब कांग्रेस खत्म हो चुकी है और इसका सत्ता में वापस लौटना नामुमकिन है लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदिरा गांधी की अगुआई में सिर्फ ढाई साल के अंदर ही सांप्रदायिक शक्तियों को उखाड़ फेंका था। इसके बाद 1989 में भी इन्हीं भगवा ताकतों ने देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंक कर देश की जनता को बहकाकर सत्ता हासिल कर ली थी लेकिन लोगों ने 2 साल के अंतराल में फिर से कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता से बेदखल होने के बाद से दिल्ली के हालात बद से बदतर हो गए हैं। 49 दिनों में ही मतदाताओं के साथ विश्वासघात करने वाली आम आदमी पार्टी दिल्लीवासियों को बीच मझधार छोड़ अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए भाग खड़ी हुई। विपक्ष में रहते हुए महिला सुरक्षा को आए दिन मुद्दा बनाने वाली भाजपा आज दिल्ली की निरंतर बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चुप्पी साधे है। उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा के शासन में न तो महिलाएं सुरक्षित हैं और न ही पुलिस वाले सुरक्षित हैं। सुरक्षा देने वालों पर ही लगातार हमले दिल्ली की बदतर होती कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हैं लेकिन भाजपा के नेता सत्ता के अहंकार में इतने डूब गए हैं कि उन्हें ये सब अब दिखाई नहीं देता।
हारून युसुफ ने कहा कि दिल्ली के मुस्लिम समुदाय को एक बार फिर से सांप्रदायिकतावादी और मौकापरस्त लोगों को सबक सिखाने का मौका मिला है। उन्होंने कहा राजधानी का मुसलमान अपने हितों की रक्षा को पूरी तरह से समझता है और ये जानता है कि मुसलिम समुदाय के लोगों का हित केवल कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित है। आज सभी जागरूक मुसलमान कांग्रेस पार्टी की ओर देख रहे हैं और आगामी चुनावों में पूरी ताकत के साथ ऐसी पार्टिर्यों को शिकस्त देने को तैयार बैठे हैं। सुभाष चोपड़ा ने कहा कि पिछले 1 साल में दिल्ली का विकास रुक गया है। भाजपा और आप के दिशाहीन नेतृत्व में दिल्ली को नौकरशाही के रहमोकरम पर छोड़ दिया जिसके चलते दिल्ली विकास के मामले में बुरी तरह पिछड़ गई है।