चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद विदेश दौरे से लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे बेंगलुरु पहुंचे और इसरो वैज्ञानिकों से मुलाकात की। वहां पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई दी और इस बड़ी सफलता में उनके योगदान को सराहा। बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “बेंगलुरु में @इसरो के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक असाधारण क्षण है।” इस ट्वीट पर इसरो की ओर से भी ट्वीट किया गया। @इसरो ने लिखा, “धन्यवाद, भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री @नरेंद्र मोदी जी।”
वैज्ञानिकों ने लैंडिंग साइट को नाम दिये जाने पर जताई खुशी
पीएम मोदी के दौरे पर इसरो वैज्ञानिक/इंजीनियर पद्मावती ने बहुत खुशी जताई। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 को एक अच्छा नाम दिया है। उनका कहना है, ”शिवशक्ति वह नाम है जो प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट के लिए दिया है और चंद्रयान-2 के स्पॉट के लिए ‘तिरंगा’ नाम दिया है। यह हमारे लिए बहुत उत्साहजनक है कि वह आज यहां हैं और ऐसी प्रेरक बातचीत कर रहे हैं। वास्तव में यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि वह हमारे प्रधानमंत्री हैं। यह पूरी तरह से प्रेरणादायक और प्रेरक है।”
इसरो में वैज्ञानिक/इंजीनियर एसएफ चंद्रशेखर ने कहा, “हम वास्तव में खुश हैं। हमें सर से बहुत प्रेरणा मिली। बहुत उत्साहित हैं…।”
इससे पहले बेंगलुरु पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “बेंगलुरु में उतरा हूं, अपने असाधारण लोगों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। @इसरो चंद्रयान-3 की सफलता से भारत को गौरवान्वित करने वाले वैज्ञानिक! उनका समर्पण और जुनून वास्तव में अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की उपलब्धियों के पीछे प्रेरक शक्ति है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री से एयरपोर्ट नहीं आने का किया था आग्रह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा नहीं आने का अनुरोध किया था, क्योंकि उनके आगमन का समय निर्धारित नहीं था और वह नहीं चाहते थे कि उन्हें सुबह इतनी जल्दी आने का कष्ट उठाना पड़े। प्रधानमंत्री यूनान की राजधानी एथेंस से सुबह करीब छह बजे सीधे बेंगलुरु पहुंचे, ताकि वह चंद्रयान-3 मिशन में शामिल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिल सकें।
मोदी ने एचएएल (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) हवाई अड्डे के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह बहुत दूर (एथेंस) से आ रहे हैं और उन्हें यह नहीं पता था कि वह किस समय यहां पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा आने का कष्ट नहीं करने को कहा था, क्योंकि वह इसरो के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने के तुरंत बाद लौट जाएंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए, मैंने उनसे अनुरोध किया था कि जब मैं औपचारिक दौरा करूं, तो वे निश्चित ही प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने सहयोग किया और मैं उनका शुक्रगुजार एवं आभारी हूं।’’