भारतीय समाज में महिलाओं को पुरुषों से कमतर आंका जाता है। ये बात कई बार अलग अलग तरह से सामने आई है। हैरत की बात तो ये है कि न्यायपालिका में भी महिलाओं के साथ इस तरह का बर्ताव होता रहता है। जज की कुर्सी को अक्सर पुरुषों के लिए ही माना जाता है। ऐसे ही एक वाकये को रिटायर्ड जस्टिस लीला सेठ ने अपनी आत्मकथा में बयां किया। जस्टिस ने लिखा कि वो इस तरह का बर्ताव देखकर हैरत में आ गई थीं।

जस्टिस लीला सेठ ने अपनी आत्मकथा  On Balance में लिखा कि डकैती के मामले में एक शख्स को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। उनके पास सजा के खिलाफ अपील आई। उन्होंने मामले की सुनवाई की और देखा कि निचली अदालत का फैसला गलत है तो उन्होंने फैसले को खारिज करके दोषी को रिहाई दे दी। सजा से मुक्ति के बाद उस शख्स ने उनकी तरफ देखा और ओपन कोर्ट में बोला- ‘शुक्रिया लीला बाबू’।

लीला सेठ ने बताया- वो इस तरह का बर्ताव देखकर हैरत में थीं

लीला सेठ का कहना था कि वो इस तरह का बर्ताव देखकर हैरत में थीं। वो महिला हैं लेकिन उस शख्स ने उनको ऐसे संबोधित किया जैसे वो कोई पुरुष हों। उनका कहना है कि ये बर्ताव देखकर साफ है कि हमारा समाज आज भी महिलाओं को इस तरह के पदों पर देखने को तैयार नहीं है। उनके मन में पुरुष को महिला की तुलना में ज्यादा श्रेष्ठ माना जाता है। उनका कहना है कि ऐसा भेदभाव देखकर मन में एक अजीब सी पीड़ा होती है।

जस्टिस ने अपनी यात्रा को बताते हुए लिखा कि जब 1958 में वो पटना हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस करने गईं तो वहां केवल दो महिलाएं होती थीं। एक वो खुद थीं और दूसरी एक और महिला कोर्ट में प्रैक्टिस करने आती थीं। हाईकोर्ट में महिलाओं के प्रति कितना भेदभाव था कि उनके लिए टॉयलेट की सुविधा भी नहीं थी। एक स्टोर रूम को टॉयलेट की शक्ल दी गई थी। उसमें अक्सर चमगादड़ों का भारी जमावड़ा रहता था।

दिल्ली हाईकोर्ट की जज को बार-बार सर कहा तो खीज गईं

महिलाओं के प्रति भेदभाव को दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली ने भी बयां किया। उन्होंने बताया कि एक बार एक एडवोकेट ने उनको सर कहकर संबोधित किया। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि आप पता लगा सकते हैं कि मैं सर हूं कि मैडम। एडवोकेट का कहना था कि वो चेयर को देखकर संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में आपत्ति जताते हुए कहा कि आप लोग इस चेयर को सर के लिए समझते हैं। लेकिन अगर युवा वकील महिला और पुरुषों के प्रति भेद करना नहीं शुरू करेंगे तो ये चीज भविष्य के लिए ठीक नहीं होगी।