पंजाब कांग्रेस में जारी विवाद कम नहीं हो रहा है। पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद भी गुटबाजी जारी है। खबरों के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बतौर डिप्टी सीएम भी काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने तीन सदस्यों के पैनल को भी बताया है कि अगर वह ये पद ले लेते हैं तो वह सहज महसूस नहीं कर पाएंगे।

पार्टी सूत्रों के अनुसार सिद्धू ने कमेटी को साफ कह दिया है कि मुख्यमंत्री का जनता, विधायक, पार्टी के नेताओं से कोई कनेक्शन नहीं है। यहां तक की पंजाब सरकार पर अभी भी बादल परिवार का साया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सिद्धू का नाराज रहना पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा सकता है। माना जा रहा है कि पैनल द्वारा दिए गए सुझावों पर कांग्रेस पार्टी पंजाब में इस हफ्ते में एक्शन ले सकती है। लेकिन अभी तक के जो हालात हैं उन्हें देखकर लगता नहीं है कि नवजोत सिंह सिद्धू मान जाएंगे।

गांधी परिवार के करीबी हैं नवजोत सिंह सिद्धू: खबरों के अनुसार सिद्धू गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व में बड़ा पद देने की बात कही गयी है। लेकिन वो पंजाब में ही राजनीति करना चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों से वो किसी से भी मुलाकात नहीं कर रहे हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा है। दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ अक्सर बयानबाजी भी करते रहते हैं। दो साल पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पूछा था कि राज्य का कैप्टन कौन है। इस पर सीएम की ओर से राज्य में जगह-जगह पोस्टर लगाकर बताया गया है कि ‘राज्य का कैप्टन तो एक ही है’, वह कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं।

दूसरी तरफ  हाल ही में अमृतसर में सिद्धू के खिलाफ जगह-जगह पोस्टर लगाकर उनके गायब होने की सूचना दी गई थी। उसमें लिखा था कि सिद्धू को खोजने वाले को 50,000 रुपए का ईनाम दिया जाएगा।