बगैर ID के दो हजार के नोटों की अदला बदली कर रहे बैंकों के खिलाफ रिट लेकर पहुंचे एडवोकेट ने भरसक कोशिश की कि सुप्रीम कोर्ट उनकी बात को सुनकर मामले में कोई आदेश जारी करे। लेकिन वेकेशन बेंच ने पूरी तरह से अपने हाथ खड़े कर दिए। जस्टिस का कहना था कि वो इस तरह के गंभीर मामलों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। गर्मी की छुट्टी के बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ आएं तो उनके सामने अपनी बात रखिए।

एडवोकेट अश्वनी उपाध्याय ने वेकेशन बेंच के सामने दलील रखी कि ये बेहद अहम केस है। बगैर आईडी के बैंक नोट तब्दील कर रहे हैं। कई सारे गैंगस्टर, माफिया और जरायम करने वाले लोग बड़े आराम से अपने ब्लैक मनी को सफेद करते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दखल नहीं दिया तो मामला हाथ से निकल जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि अभी तक 50 हजार करोड़ रुपये तब्दील भी कराए जा चुके हैं।

सारी दुनिया में नहीं हुआ इस तरह का गोलमाल- बोले एडवोकेट

उपाध्याय ने कहा कि रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नोटिफिकेशन है कि 2 हजार के नोट बदलने के लिए किसी भी आईडी की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि वो ये नहीं कह रहे हैं कि इस तरह का गड़बड़झाला भारत में पहली बार हो रहा है बल्कि वो एक कदम आगे जाकर कहना चाहते हैं कि इस तरह का काम वैश्विक स्तर पर पहली दफा हो रहा है। इससे पहले किसी भी दूसरे देश में इस तरह का गोलमाल नहीं हुआ।

एडवोकेट ने ज्यादा जोर दिया तो जस्टिस बोले- CJI से कहिए अपनी बात

एडवोकेट ने सुनवाई के लिए जब ज्यादा जोर दिया तो जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि ये बहुत ज्यादा जटिल केस है। वेकेशन बेंच रूटीन केसों की सुनवाई कर रही है। आप CJI के सामने इस केस को रखिएगा। वो ही इस पर कोई फैसला ले सकते हैं। उपाध्याय ने जब ज्यादा जोर दिया तो जस्टिस ने उन्हें चुप कराते हुए कहा- मि. उपाध्याय प्लीज। एडवोकेट ने मौके की नजाकर को समझते हुए जस्टिस धूलिया से अपील की कि वो उन्हें एक रियायत दे सकते हैं। जस्टिस ने पूछा क्या तो उपाध्याय का कहना था कि वो एक हफ्ते बाद उन्हें फिर से रिट दायर करने की अनुमति दें। जस्टिस धूलिया ने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि ठीक है, छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से खुल जाए तो वो रिट दायर कर लें।

दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही दे चुका है अश्वनी उपाध्याय को झटका

ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक ने दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किया है। इसके लिए व्यवस्था की गई है कि लोग अपने दो हजार के नोट लेकर बैंक जा सकते हैं। वो एक बार में 20 हजार रुपये तब्दील करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी आईडी की जरूरत नहीं होगी। उपाध्याय को इसी बात पर दिकक्त है। उनका कहना है कि ऐसे तो जरायम से जुड़े लोग अपना ब्लैक मनी बड़े आराम से सफेद कर लेंगे। वो अपनी रिट को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंचे थे। लेकिन वहां से उन्हें मायूसी हाथ लगी। हाईकोर्ट ने उपाध्याय को खाली हाथ वापस लौटा दिया।