Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना में शनिवार को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल यानी एसएलसीबी की सुरंग के एक हिस्से के धंसने से बड़ा हादसा हो गया। इसके मलबे में दो इंजीनियरों सहित आठ मजदूर फंस हुए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना के साथ SDRF और NDRF की टीमें अभियान में लगी हुई हैं। फंसे हुए श्रमिकों में जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट इंजीनियर मनोज कुमार और फील्ड इंजीनियर श्री निवास (दोनों उत्तर प्रदेश से), झारखंड के चार मजदूर- संदीप साहू, जातक, संतोष साहू और अनुज साहू- और रॉबिन्स इंडिया कंपनी के दो मशीन ऑपरेटर सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर) और गुरप्रीत सिंह (पंजाब) शामिल हैं।
NDRF के डिप्टी कमांडर सुखेंदु ने कहा कि मलबे से 200 मीटर का पैच भरा हुआ है। जब तक इस मलबे को साफ नहीं किया जाता, हम फंसे हुए श्रमिकों का सही स्थान नहीं जान पाएंगे और उन्हें बचा नहीं पाएंगे। सुरंग के 11-13 किलोमीटर के बीच के पैच में पानी भरा हुआ है और जब तक पानी नहीं निकाला जाता, तब तक मलबा साफ करने का काम शुरू नहीं होगा। हमारी पहली टीम कल शाम करीब 7 बजे यहां पहुंची…फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए, पहले हमें पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी और फिर मलबा हटाना होगा…फंसे हुए श्रमिकों का सही स्थान अभी तक पता नहीं चल पाया है।
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रेस्क्यू में शामिल सिंगरेनी कोलियरीज के जनरल मैनेजर श्रीनिवास रेड्डी ने बताया है कि सुरंग में 11 किलोमीटर तक पानी भर गया है। मजदूरों के बाहर आने की संभावना बहुत कम है, लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे है। रविवार को जिला कलेक्टर बी. संतोष ने जानकारी दी कि रेस्क्यू टीम सुरंग के उस हिस्से तक पहुंच गई है, जहां घटना के समय टीबीएम (टनेल बोरिंग मशीन) काम कर रही थी।
एनडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात को एक टीम सुरंग में गई थी। वहां बहुत सारा मलबा और पानी भरा हुआ था। टीबीएम क्षतिग्रस्त हो चुकी है और उसके टुकड़े बिखरे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि 13.5 किलोमीटर तक हमारी टीम पहुंच चुकी है लेकिन वहां दो किलोमीटर पानी भरा है। भारी मशीनें अंतिम बिंदु तक नहीं पहुंच पा रही हैं। पानी निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सिंगरेनी कोलियरीज के श्रीनिवास रेड्डी ने कहा है कि हमने कल और आज घटनास्थल निरीक्षण किया है। पानी 11 किलोमीटर तक भर गया है, जिसके चलते अंदर फंसे श्रमिकों के सुरक्षित बाहर निकाले जाने के लिए संभावना कम है। हालांकि अभी भी मशक्कत जारी है।
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि कल से लापता आठ लोगों के सुरक्षित होने के लिए हम उम्मीद और प्रार्थना कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि उन्हें आज शाम तक खोजकर बचा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लापता हुए आठ लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’
तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने सुरंग ढहने के बाद चल रहे बचाव अभियान के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए नागरकुरनूल के जिला कलेक्टर बी संतोष से फोन पर बात की। जिला कलेक्टर ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और सेना, विशेषज्ञों के साथ बचाव अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं। इस दौरान राज्यपाल ने अधिकारियों को सुरंग में फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अपने गहन प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर भारतीय सेना के बाइसन डिवीजन के इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) को बचाव अभियान में सहायता के लिए तैनात किया गया है। उच्च क्षमता वाले पंपिंग सेट, बख्तरबंद नली, उत्खननकर्ता और बुलडोजर से लैस सेना की चिकित्सा टीमें और इंजीनियर मलबे को हटाने और ढह गई सुरंग से सुरक्षित निकासी की सुविधा के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
रेस्क्यू टीम के लिए सबसे चुनौती की बात यह भी है कि अंदर पहुंचने पर उनका मजदूरों और अंदर फंसे इंजीनियर्स से संपर्क नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते उनकी सही लोकेशन अभी तक नहीं पता चल पाई है।
सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर SDRF के अधिकारी ने बताया है कि सुरंग के अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं है। घुटनों तक कीचड़ है। सुरंग के अंदर ऑक्सीजन भेजी जा रही है। पानी निकालने के लिए 100 हॉर्स पॉवर का पंप मंगवाया गया है। रेस्क्यू के लिए NDRF के 145 और SDRF के 120 जवान तैनात हैं। सेना की एक इंजीनियर रेजिमेंट, जो सिकंदराबाद में इन्फैंट्री डिवीजन का हिस्सा है, उसे भी स्टैंड बॉय पर रखा गया है।
तेलंगाना (Telangana) के नागरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल का एक हिस्सा गिरने से छह से आठ श्रमिक अंदर फंस गए, जिनमें झारखंड के गुमला जिले के चार मजदूर भी शामिल हैं. इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से तेलंगाना सरकार से संपर्क कर मजदूरों के बारे में जानकारी ली. मुख्यमंत्री सोरेन ने Tunnel Collapse के मामले को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया है कि टनल में फंसे सभी श्रमिकों का सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू हो. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन को गंभीरता से लेने की अपील की है.
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के ढहे हुए हिस्से की हैं, जिसमें लगभग 8 श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है। घटनास्थल का निरीक्षण करने गए बचाव दल अंदर नहीं जा पाने के कारण वापस लौट आए हैं।
NDRF के डिप्टी कमांडर सुखेंदु ने कहा, “कल रात करीब 10 बजे हम स्थिति का विश्लेषण करने के लिए सुरंग के अंदर गए। सुरंग के अंदर 13 किलोमीटर की दूरी में से हमने 11 किलोमीटर इस लोकोमोटिव पर और बाकी 2 किलोमीटर कन्वेयर बेल्ट पर तय किया…जब हम TMV (टनल बोरिंग मशीन) के अंत में पहुंचे, तो हमने फंसे हुए श्रमिकों से उनके नाम पुकारकर संपर्क स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन हमें कुछ नहीं मिला। मलबे से 200 मीटर का पैच भरा हुआ है। जब तक इस मलबे को साफ नहीं किया जाता, हम फंसे हुए श्रमिकों का सही स्थान नहीं जान पाएंगे और उन्हें बचा नहीं पाएंगे। सुरंग के 11-13 किलोमीटर के बीच के पैच में पानी भरा हुआ है और जब तक पानी नहीं निकाला जाता, तब तक मलबा साफ करने का काम शुरू नहीं होगा। हमारी पहली टीम कल शाम करीब 7 बजे यहां पहुंची…फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए, पहले हमें पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी और फिर मलबा हटाना होगा…फंसे हुए श्रमिकों का सही स्थान अभी तक पता नहीं चल पाया है…”
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एसएलबीसी में हुई दुर्घटना पर गहरा दुख जताने के साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे जिले के अहम अधिकारियों से बातचीत की और दुर्घटना के कारणों की जानकारी ली है।
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सुरंग हादसे को लेकर दुख जताया है। उन्होंने इसको लेकर त्वरित बचाव प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग की, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने अभियान के लिए एनडीआरएफ की चार टीमें तैनात कीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम रेवंत रेड्डी को भरोसा दिलाया कि बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम तुरंत भेजी जाएगी। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नागरकुरनूल जिले के डोमलपेंटा के पास एसएलबीसी सुरंग में हुए हादसे की जानकारी ली। सीएमओ के बयान के अनुसार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री को घटना की पूरी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि सुरंग के अंदर आठ श्रमिक फंसे हुए हैं और आवश्यक बचाव कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपल्ली कृष्ण राव मौके पर बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने तेलंगाना में फंसे सुरंग श्रमिकों के बचाव प्रयासों में पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से एसएलबीसी सुरंग में चल रहे बचाव प्रयासों के बारे में बात की, जहां नागर कुरनूल जिले के डोमलपेंटा के पास छत गिरने के बाद आठ श्रमिक फंस गए हैं। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को बचाव कार्यों में केन्द्र सरकार की ओर से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।
तेलंगाना के मंत्रियों ने डोमलपेंटा स्थित जेपी गेस्ट हाउस में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सिंचाई विभाग के सलाहकार आदित्य दास नाथ, आईजी सत्यनारायण, अग्निशमन सेवा के डीजी जीवी नारायण राव, नागरकुरनूल के जिला कलेक्टर और एसएलबीसी कार्यों को संभालने वाली एजेंसी के प्रतिनिधि मौजूद थे।
तेलंगाना के मंत्रियों ने एसएलबीसी सुरंग में हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी शनिवार को डोमलपेंटा में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग दुर्घटना स्थल पर पहुंचे थे। बयान के अनुसार मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव भी स्थिति का आकलन करने और बैठक की समीक्षा करने के लिए पहुंचे थे।