नागरिकता संशोधित कानून और पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया के विवाद को लेकर तारिक फतह ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। अपनी तर्क के समर्थन में उन्होंने पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री दलित थे लेकिन वहां उनके साथ भेदभाव होता था, उनके साथ कोई नहीं बैठता था इसलिए वह हिंदुस्तान भाग आए थे।

एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, उन्हें समझ नहीं आता कि नागरिकता संशोधित कानून को लेकर इतना हल्ला क्यों मचा हुआ है? जो हिंदू पाकिस्तान या किसी और देश में परेशान हैं वह पनाह लेने हिंदुस्तान नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे। जो यहां आते हैं वो पाकिस्तान के सताए हुए लोग ही आते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सिर्फ धार्मिक भेदभाव ही नहीं है, वहां नस्लीय भेदभाव भी है।

पाकिस्तान के पहले लॉ मिनिस्टर हिंदू थे। उनके साथ भेदभाव हुआ क्योंकि वह दलित थे और बंगाल के रहने वाले थे। उनके साथ कोई कैबिनेट में बैठना  नहीं चाहता था। वह भाग कर हिंदुस्तान आ गए थे। इसलिए 2015 से पहले जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग कर आया उसे हिंदुस्तान में जगह नहीं मिलेगी तो कहां मिलेगी।

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गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान और क्रिकेट प्रशासकों से मदद की गुहार लगाई है।कनेरिया ने बताया कि उनके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं गुजर रहा, वह बहुत तकलीफ में हैं। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने खुलासा किया था कि कनेरिया के हिंदू होने की वजह से टीम के कई खिलाड़ी उनके साथ खाना नहीं खाते थे।