विधानसभा चुनाव और देशभर में जारी किसान आंदोलन के बीच तमिलनाडु सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। तमिलनाडु सरकार ने किसानों का करीब 12 हजार करोड़ का कर्ज माफ़ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पलानीसामी ने कहा है कि इससे तमिलनाडु के करीब 16 लाख किसानों का फायदा होगा। हालाँकि इसमें सिर्फ सहकारी बैंको से लोन लेने वाले किसान ही शामिल हैं। ज्ञात हो कि तमिलनाडु में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। सत्ता पर आसीन एआईडीएमके चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में कर्जमाफी की घोषणा की। मुख्यमंत्री पलानीसामी ने विधानसभा में कहा कि राज्य के सभी कोऑपरेटिव बैंकों से किसानों द्वारा लिया गया करीब 12,110 करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि चक्रवाती तूफानों और ख़राब मौसम के कारण राज्य के किसानों की स्थिति काफी दयनीय है इसलिए ऐसा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी भरोसा दिलाया कि यह योजना तुरंत ही लागू की जाएगी। आपको बता दूँ कि बेमौसम बारिश की वजह से तमिलनाडु में धान, दाल, कपास  और मूंगफली जैसी फसलों को काफी नुकसान हुआ था। बारिश के कारण करीब 6.5 लाख हेक्टेयर पर लगी फसल नष्ट हो गयी थी।

विधानसभा चुनाव को देखते हुए विपक्षी डीएमके ने पहले ही कर्जमाफी का वायदा कर दिया था। डीएमके के नेता स्टालिन ने राज्य में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर आगामी विधानसभा में उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे कृषि ऋण, स्वर्ण ऋण और शिक्षा ऋण को माफ़ कर देंगे। साथ ही स्टालिन ने यह भी कहा था कि किसानों के ऋण को माफ़ करते हुए कोई भी शर्त नहीं रखा जाएगा। ज्ञात हो कि डीएमके पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए तीनों कृषि कानून के खिलाफ है। हालंकि वर्तमान में तमिलनाडु में भाजपा और सत्ताधारी पार्टी एआईडीएमके गठबंधन में है।