तमिलनाडु विधानसभा में एक जोरदार भाषण में एमके स्टालिन ने राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए समिति गठित की। मंगलवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यों के अधिकारों की रक्षा और भारत के संघीय ढांचे को संतुलित करने के उपायों की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों की संवैधानिक शक्तियों का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
स्टालिन ने कहा, “राज्यों के उचित अधिकारों की रक्षा करने और केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।” सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ इस पैनल की अध्यक्षता करेंगे जिसमें पूर्व आईएएस अधिकारी अशोक वर्धन शेट्टी और अर्थशास्त्री एम नागनाथन भी शामिल हैं। अशोक शेट्टी पिछली डीएमके सरकार के कार्यकाल के दौरान स्टालिन के साथ जुड़े थे, वहीं नागनाथन एक शिक्षाविद हैं जिन्होंने राज्य योजना बोर्ड में पद संभाले थे। वह डीएमके के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के लिए जाने जाते हैं और सीएम के पिता दिवंगत करुणानिधि के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध थे।
तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच बढ़ा तनाव
इस समिति का गठन डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार और भाजपा शासित केंद्र के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है, खासकर शिक्षा नीति, कराधान, राजकोषीय हस्तांतरण और संस्थागत स्वायत्तता के मुद्दों पर। स्टालिन ने अपने भाषण में कहा, “यह मां ही है जो सबसे अच्छी तरह जानती है कि अपने भूखे बच्चे को क्या खाना देना है। लेकिन अगर दिल्ली का कोई व्यक्ति यह तय करता है कि बच्चे को क्या खाना चाहिए, उसे क्या सीखना चाहिए और उसे किस रास्ते पर चलना चाहिए तो क्या मां की करुणा और मातृत्व भावना विद्रोह में नहीं बदल जाएगी?”
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राज्य की स्वायत्तता से जुड़ी हर बहस में पहली आवाज़ हमेशा तमिलनाडु से आती है- स्टालिन
स्टालिन ने विधानसभा को संघवाद की वकालत करने में इसकी ऐतिहासिक भूमिका की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “राज्य की स्वायत्तता से जुड़ी हर बहस में पहली आवाज़ हमेशा तमिलनाडु से आती है।” चूंकि राज्य ने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सफलतापूर्वक लागू किया है इसलिए अगला परिसीमन इसकी सीटों की संख्या को कम कर सकता है , जिसे स्टालिन ने सफलता की सजा कहा। उन्होंने सदन को बताया, “प्रस्तावित परिसीमन तमिलनाडु के प्रतिनिधित्व को काफी कम करने का गंभीर खतरा पैदा करता है, मानो इस उपलब्धि की सजा दी जा रही हो।”
स्टालिन बोले- भारत को विकास के पथ पर ले जाने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्यों के कंधों पर
तमिलनाडु के सीएम ने कहा, “संघ और राज्य दोनों ही संविधान द्वारा बनाए गए हैं। दोनों को संविधान से ही अपने-अपने अधिकार प्राप्त हैं। कोई भी अपने क्षेत्र में दूसरे के अधीन नहीं है। भारत को विकास के पथ पर ले जाने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्यों के कंधों पर है लेकिन इन्हें लागू करने के लिए आवश्यक शक्तियां राज्यों से छीन ली गई हैं और केंद्र सरकार के हाथों में केंद्रित कर दी गई हैं।”
अमेरिका के संस्थापक जेम्स मैडिसन मैडिसन को उद्धृत करते हुए स्टालिन ने कहा, “संघीय सरकार के कार्य युद्ध और खतरे के समय में सबसे व्यापक और महत्वपूर्ण होंगे जबकि राज्य सरकारों के कार्य शांति और सुरक्षा के समय में सबसे व्यापक और महत्वपूर्ण होंगे।” पढ़ें- देशभर के मौसम का हाल