तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin) ने बुधवार को सभी विपक्षी दलों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। अपने 70वें जन्मदिन समारोह में चेन्नई में आयोजित एक सार्वजनिक रैली में एमके स्टालिन ने तीसरे मोर्चे के विचार को खारिज कर दिया और सभी राजनीतिक दलों से चुनावी एकता के अंकगणित को समझने का आग्रह किया।
रैली में एमके स्टालिन के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता फारूक अब्दुल्ला जैसे वरिष्ठ विपक्षी नेता शामिल हुए। एमके स्टालिन ने स्पष्ट किया कि मुख्य लक्ष्य भाजपा को हराना है, न कि किसी एक पार्टी का चुनाव जीतना।
एमके स्टालिन ने कहा, “बात यह नहीं है कि 2024 के लोकसभा चुनाव कौन जीतेगा बल्कि यह है कि किसे नहीं जीतना चाहिए। विविधता रहित भारत बनाने के प्रयासों के लिए भाजपा को पराजित किया जाना चाहिए। पार्टियों की एकता का ही मतलब है कि हम जीत गए हैं। सभी क्षेत्रीय दलों को राष्ट्रीय राजनीति के बारे में भी सोचना चाहिए। मैं कांग्रेस सहित सभी दलों से कह रहा हूं कि एकता ही चुनाव जीतने का रहस्य है। 2021 की एक जनसभा में, मैंने राहुल गांधी से कहा कि वे अन्य सभी भारतीय राज्यों में तमिलनाडु की तरह एकजुट विपक्षी आंदोलन बनाने के लिए प्रयास करें। साथ ही तीसरे मोर्चे को लेकर चल रही दलीलों को भी नजरअंदाज किया जाना चाहिए। पार्टियों को मतभेदों से ऊपर उठकर बीजेपी को हराने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए तीसरे मोर्चे की बात बेमानी है।”
इस बीच स्टालिन ने सालों पहले मदुरै में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बनाने की एक परियोजना के लिए मात्र 12 करोड़ रुपये आवंटित करने और साइट पर एक भी ईंट नहीं रखने के लिए भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “क्या यह तमिलनाडु में हमारे आठ करोड़ लोगों को धोखा नहीं दे रहा है? भाजपा करोड़ों रुपये प्रचार के लिए खर्च कर रही है लेकिन शास्त्रीय तमिल के लिए कुछ भी नहीं है। ऑनलाइन रम्मी विधेयक को राज्यपाल द्वारा मंजूरी नहीं दी जा रही है। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि उनका मानना है कि महाभारत में जुए के संदर्भ हैं?”