पिछले 8 सालों में देश की राजनीतिक स्थिति बदली है और देखा गया कि कांग्रेस चुनाव दर चुनाव सिमटती चली गई और बीजेपी अपने सबसे अच्छे दौर में पहुंची है। 2014 में बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था। कांग्रेस मुक्त भारत तो नहीं हो पाया है लेकिन कांग्रेस की सरकार महज दो राज्यों में है। कांग्रेस नेतृत्व संकट से भी जूझ रही है और 2019 में राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब तक कांग्रेस को फुल टाइम अध्यक्ष नहीं मिल पाया है।
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस और बीजेपी के प्रदर्शन की तुलना की। उन्होंने लोकसभा चुनावों में दोनों दलों को मिले कुल वोट के आधार पर ये तुलना की। बीजेपी को 2009 लोकसभा चुनाव में 7 करोड़ 80 लाख (7,84,35,381) वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 11 करोड़ 90 लाख (11,91,11,019) कुल वोट मिले थे। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 17 करोड़ 16 लाख (17,16,60,230) वोट मिलें जबकि कांग्रेस को 10 करोड़ 69 लाख (10,69,35,942) वोट हासिल हुए। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक 22 करोड़ 90 लाख (22,90,76,879) वोट मिले जबकि कांग्रेस को 11 करोड़ 94 लाख (11,94,95,214) वोट मिले।
अगर लोकसभा चुनावों में दोनों दलों को मिले वोटों पर नजर डालेंगे तो हम पाएंगे कि पिछले 13 सालों में बीजेपी को मिले वोटों में तीन गुना वोटों को वृद्धि हुई है। जबकि कांग्रेस की स्थिति जस की तस बनी हुई है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 206 सीटें हासिल हुई थी जबकि बीजेपी को महज 116 सीट पर जीत हासिल हुई थी। वहीं अगर 2019 लोकसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस महज 52 सीट पर सिमट गई।
अगर सीटों की तुलना करें तो 2009 से 2019 के बीच बीजेपी की सीटों में ढाई गुने से भी अधिक बढ़ोतरी हुई, जबकि कांग्रेस 2009 की तुलना में एक चौथाई पर पहुंच गई। 2014 के चुनाव में बीजेपी को 282 सीट हासिल हुई थी, जबकि कांग्रेस को महज 44 सीटों पर जीत नसीब हुई। आंकड़ों से साफ़ पता चलता है कि 2009 के बाद कांग्रेस की जमीन खिसकती गई है।
हाल ही में 5 राज्यों के चुनाव संपन्न हुए हैं और कांग्रेस को पांचों राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। यूपी में कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। यूपी में कांग्रेस का वोट शेयर 3% से भी नीचे आ गया है, जबकि पंजाब में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी। हार के बाद कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठ रहें है।