केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें बढ़ सकती है। जयपुर की एक अदालत ने पिछले साल लीक हुए ऑडियो टेप के संबंध में शेखावत और कथित बिचौलिए संजय जैन की आवाज के नमूने लेने की अनुमति बुधवार को दे दी। बताते चलें कि उस ऑडियो टेप में कथित तौर पर मंत्री अशोक गहलोत सरकार को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए गिराने की योजना बनायी जा रही थी।

एक अधिकारी ने  कहा कि हमने 30 जून के आसपास अदालत में एक आवेदन दायर किया था, कि हमें गजेंद्र सिंह शेखावत और संजय जैन की आवाज का नमूने लेने की अनुमति दी जाए। जिसके बाद बुधवार को जयपुर में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नंबर दो की अदालत के समक्ष मामला सूचीबद्ध किया गया था। जहां से अदालत की तरफ से मंजूरी दे दी गयी। आवाज के नमूने एकत्र करने के मामले में आगे की कार्यवाही रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल करेगा।

अधिकारी की तरफ से कहा गया कि अब, संबंधित मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह शेखावत और संजय जैन को नमूने देने के लिए अदालत के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी करेंगे। और उन नोटिसों को एसीबी द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।

बताते चलें कि दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी को समन जारी किए जाने के बाद यह पूरा घटनाक्रम सामने आया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष कार्य अधिकारी लोकेश शर्मा के खिलाफ इस साल 25 मार्च को शेखावत फोन टैपिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। 3 जून को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगले आदेश तक शर्मा के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

पूरे मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जोशी ने कहा, “हम एसीबी को गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज का नमूना एकत्र करने की अनुमति देने के अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। शेखावत जी कर कह रहे थे कि उन्हें एसीबी का नोटिस नहीं मिला और अगर उसे नोटिस दिया गया होता तो वह आवाज का नमूना देते।  अब भगवान की कृपा से वो भी पूरा हो गया है। अब एसीबी की तरफ से ने नोटिस भी मिल जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले साल, कथित तौर पर गजेंद्र सिंह, संजय जैन, साथ ही कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह से जुड़े ऑडियो टेप के लीक होने से राजस्थान में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था, यह मामला उस समय हुआ था जब राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 19 कांग्रेस के विद्रोह के साथ नाराज चल रहे थे।