टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद की आधारशिला रखी। कबीर ने मंच पर मौलवियों के साथ समारोह का फीता काटा और इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर जमकर नारेबाजी की गई। यहां पर सुबह से ही हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। शिलान्यास समारोह कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ। इसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेजिनगर और निकटवर्ती बेलडांगा क्षेत्र में पुलिस, आरएएफ और केंद्रीय बलों की बड़ी टुकड़ियां तैनात की गईं।
इससे पहले हुमायूं कबीर ने आरोप लगाया, “हिंसा भड़काकर कार्यक्रम को बाधित करने की साजिशें की जा रही हैं। दक्षिण बंगाल के जिलों से लाखों लोग ऐसी कोशिशों को नाकाम कर देंगे। यह एक शांतिपूर्ण समारोह होगा। संविधान के अनुसार हमें पूजा स्थल रखने का पूरा अधिकार है। 2000 से ज्यादा वॉलंटियर ड्यूटी पर हैं।”
बीजेपी ने बोला हमला
भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने टीएमसी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आग से खेल रही हैं। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा से आ रही खबरों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है, जहाँ ममता बनर्जी राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम भावनाओं का ध्रुवीकरण करने के लिए ‘निलंबित’ टीएमसी विधायक हुमायूँ कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, कबीर के मुस्लिम समर्थकों के समूह ईंटें लेकर उस जगह का निर्माण करते देखे गए हैं जिसे वे बाबरी मस्जिद बता रहे हैं।”
ये भी पढ़ें: राम मंदिर में तो धर्म ध्वज लहरा गया, अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद निर्माण का क्या हुआ?
अमित मालवीय ने आगे कहा, “उन्होंने यह भी दावा किया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस उनका समर्थन कर रही है और इस गतिविधि के लिए सुरक्षा प्रदान कर रही है। बेलडांगा राज्य के सबसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाकों में से एक है, जहां झड़पों का एक लंबा और अशांत इतिहास रहा है। यहां कोई भी संगठित अशांति उत्तर बंगाल को राज्य के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली जीवनरेखा, नेशनल हाईवे-12 को अवरुद्ध कर सकती है। ऐसी स्थिति में कानून-व्यवस्था, आवाजाही और न केवल राज्य की आंतरिक एकता, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर परिणाम होंगे।”
बीजेपी नेता ने कहा, “यह तथाकथित मस्जिद परियोजना कोई धार्मिक प्रयास नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रयास है, जिसका उद्देश्य भावनाओं को भड़काना और वोट बैंक को मज़बूत करना है। समुदाय की सेवा करने की बात तो दूर, वे चेतावनी देते हैं कि इससे बंगाल की स्थिरता को गंभीर खतरा है, जिससे तनाव बढ़ने और यहाँ तक कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने के बिखरने का खतरा है। लेकिन ममता बनर्जी किसी भी हद तक जा सकती हैं, चाहे इसके लिए उन्हें पश्चिम बंगाल को उथल-पुथल की ओर ही क्यों न धकेलना पड़े।”
ये भी पढ़ें: हुमांयू कबीर ने ममता बनर्जी को दिया चैलेंज
