ललित मोदी मामले को लेकर संसद के मानसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उठाए गए तूफान का रुख बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उसी की ओर मोड़ दिया। स्वराज ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर करारा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को क्वात्रोकी से लेकर आदिल शहरयार तक के काले कारनामों को पढ़ना चाहिए।
उन्होंने राहुल गांधी से अपनी ‘मम्मा’ से यह सवाल करने को कहा कि क्वात्रोकी से कितना पैसा मिला था और डैडी ( राजीव गांधी) ने क्यों 15 हजार लोगों के हत्यारे ( भोपाल गैस कांड के अभियुक्त एंडरसन) को छोड़ दिया था।
सुषमा ने ललित मोदी मामले पर कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बोफर्स तोप सौदे में आरोपी इतालवी कारोबारी ओट्टावियो क्वात्रोकी और भोपाल गैस कांड के आरोपी वारेन एंडरसन का मुद्दा उठाते हुए मुख्य विपक्षी दल को घेरा। कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसे। कहा कि गड़बड़ी की राजनीति तो कांग्रेस ने की थी।
उन्होंने दावा किया कि चिदंबरम कांग्रेस में उस वर्ग में शामिल थे जो अपनी निजी दुश्मनी के कारण ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे। जिससे कि पार्टी नेतृत्व सहमत नहीं था। विदेश मंत्री ने ब्रिटेन से ललित मोदी का प्रत्यर्पण नहीं कराने के लिए यूपीए सरकार को आरोपित किया। कहा कि तब प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा कोई कार्रवाई करने में विफल रहा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि ब्रिटेन में ललित मोदी को रिहाइश का अधिकार दिलाने के लिए भी कांग्रेस शासन जिम्मेदार है। चिदंबरम ललित मोदी को भारत भेजे जाने के लिए अपने ब्र्रिटिश समकक्ष के संपर्क में तो रहे लेकिन उन्होंने कभी ब्रिटिश सरकार से उसके प्रत्यर्पण पर दबाव नहीं बनाया।
सुषमा ने कहा कि राहुल दो-दो महीनों के लिए छुट्टी पर जाते हैं। इस बार जब वे छुट्टी पर जाएं तो एकांत में किसी कोने में बैठकर अपने परिवार के इतिहास का अध्ययन करें। राहुल गांधी को क्वात्रोकी से लेकर आदिल शहरयार तक के काले कारनामों को पढ़ना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी से अपनी ‘मम्मा’ से यह सवाल करने को कहा कि क्वात्रोकी से कितना पैसा मिला था और डैडी (राजीव गांधी) ने क्यों 15 हजार लोगों के हत्यारे ( भोपाल गैस कांड के अभियुक्त एंडरसन) को छोड़ दिया था। विदेश मंत्री ने दिवंगत कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह की आत्मकथा के हवाले से कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उनसे कहा था कि एंडरसन को क्यों गिरफ्तार किया गया है।
सुषमा ने कहा कि अर्जुन सिंह ने उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री ( मध्य प्रदेश ) होने के नाते यह जनता के प्रति उनका कर्त्तव्य है। बाद में सिंह के एक सहायक ने उन्हें बताया कि गृह मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी का फोन आया है कि एंडरसन को जमानत दी जाए। उसे एक सरकारी विमान से दिल्ली भेजा गया और उसके बाद अमेरिका जाने की अनुमति दी गई। Þयह गुप्त रूप से किया गया। मैंने कुछ गुप्त तरीके से नहीं किया।
सुषमा ने दावा किया कि बाद में यह तथ्य सामने आया कि राजीव गांधी के दोस्त आदिल शहरयार को अमेरिका में 35 साल की सजा सुनाई गई थी और उसे एंडरसन के बदले में अमेरिका ने रिहा कर दिया। बकौल सुषमा आदिल को राष्ट्रपति के माफी दिए जाने पर छोड़ा गया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 11 जून 1985 को जारी किया था जिस दिन राजीव गांधी अमेरिका पहुंचे थे। विदेश मंत्री ने कहा कि शहरयार गांधी परिवार के करीबी मित्र और राजनयिक मोहम्मद युनूस के बेटे थे।
चिदंबरम पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ललित मोदी मामले में ऐसा कोई मुद्दा शामिल नहीं था। जबकि पूर्व वित्त मंत्री ने उस समय यह बात स्वीकार की थी जब उनकी पत्नी और वकील नलिनी को आयकर विभाग की विशेष वकील बनाया गया था। विभाग उनके मंत्रालय के अधीन था।
उन्होंने कहा था कि उन्हें एक अन्नाद्रमुक सदस्य द्वारा राज्यसभा में इस संबंध में सभापित को नोटिस दिए जाने तक इसके बारे में पता नहीं था। पर चिदंबरम ने खुद ही अपने पर लगे आरोपों से खुद को बरी कर लिया। तृणमूल कांग्रेस उस समय यह मुद्दा सामने लेकर आई थी कि सारदा चिटफंड घोटाले के आरेपी सुदीप्तो सेन से उनकी पत्नी ने एक करोड़ रुपए लिए हैं। उन्होंने कहा कि घोटाले संबंधी फाइल चिदंबरम देख रहे थे।
विदेश मंत्री ने भावुक स्वर में कहा कि वे अपने राजनीतिक जीवन को एक तपस्या की तरह मानती हैं और जीवन के इस मोड़ पर वे अपनी तपस्या को भंग करने के लिए कुछ नहीं करेंगी। वे बोलीं-जिस संयम से मैंने अपना राजनीतिक जीवन जीया है, मेरे दामन पर तिल भर भी दाग नहीं लगा। आप जीवन के इस पड़ाव पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं।