अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोरों पर है। इसका गर्भ गृह बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में 6 हजार से अधिक मेहमान शामिल होंगे। इससे पहले अयोध्या में धर्म पथ पर ‘सूर्य स्तंभ’ स्थापित किया गया है। अयोध्या के डीएम नितीश कुमार ने बताया कि लता मंगेशकर चौक के पास, धर्म पथ पर आरंभ और समापन बिंदु के बीच नियमित अंतर पर सूर्य स्तंभ स्थापित किया जा रहा है।
सूर्य स्तंभ में क्या है खास?
अयोध्या में धर्म पथ पर रघुवंशियों के आराध्य भगवान सूर्य का प्रतिनिधित्व करते सूर्य स्तंभ बनाए जा रहे हैं। पूरी अयोध्या में 40 जगहों पर इनका निर्माण किया जा रहा है। इससे मुख्य मार्ग को और आकर्षण मिलेगा। लोक निर्माण विभाग नौ मीटर लंबी तथा चार मीटर ऊंची 85 दीवारों का निर्माण करा रहा है, जिन पर रामकथा का चित्रण होगा। 30-30 मीटर की दूरी पर इनका निर्माण किया जा रहा है।
इस मार्ग को दिया गया धर्म पथ का नाम
अयोध्या में लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-27) पर साकेत पेट्रोल पंप से लेकर लता मंगेशकर चौक तक के मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है। यह रास्ता करीब 2 किमी का है। रामजन्मभूमि को को हाईवे से जोड़ने वाला यही मुख्य रास्ता है। इस रास्ते को सजाने और संवारने का नाम दिया जा रहा है।
गर्भगृह की तस्वीर भी आई सामने
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने शनिवार को गर्भगृह की तस्वीरें शेयर की है। उसमें लाइटिंग से लेकर तमाम फिटिंग का काम पूरा हो चुका है। दीवार पर खूबसूरत कलाकृतियां की गई हैं और रामायण के अलग-अलग कालखंड को दर्शा रही हैं। भूतल और पहली मंजिल का काम पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन दी गई है। इसी डेडलाइन के तहत काम को पूरा किया जाना है।