सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्यवाही के दौरान जरूरी समझे जाने पर किसी भी व्यक्ति को तलब कर सकता है। साथ ही अगर किसी को समन मिले तो उस शख्स को समन का जवाब देना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया पीएमएलए की धारा 50 के तहत तलब किए गए व्यक्ति को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय से मिले समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना जरूरी है।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि ईडी की ओर से बुलाए जाने पर व्यक्ति को उपस्थित होना होगा और पीएमएलए के तहत कार्यवाही के अनुसार अगर जरूरी हुआ तो सबूत पेश करना होगा। दरअसल पीएमएलए के सेक्शन 50 के मुताबिक ईडी अधिकारियों के पास ये ताकत है कि वे किसी भी ऐसे शख्स को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं जिनको वे उस जांच के सिलसिले में जरूरी समझते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की तमिलनाडु सरकार की याचिका

पीठ ने तमिलनाडु में अवैध रेत खनन के संबंध में ED को उसके कुछ जिला कलेक्टरों से पूछताछ करने से रोकने की राज्य सरकार की कोशिश को खारिज कर दिया। मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को निलंबित करते हुए जिसने ईडी को राज्य के पांच जिला कलेक्टरों की व्यक्तिगत उपस्थिति मांगने से रोक दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारियों को एजेंसी के समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना आवश्यक है। साथ ही कलेक्टरों को एजेंसी द्वारा सौंपी गई तारीख पर जांचकर्ता के सामने अदालत में पेश होने का आदेश दिया।

भाजपा पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

अदालत का आदेश ऐसे समय आया है जब भारतीय जनता पार्टी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के नेतृत्व वाले राज्यों ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी जैसी संघीय एजेंसियों की मदद से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश तब सामने आया है जब सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी के सातवें समन में शामिल नहीं हुए। आम आदमी पार्टी ने बाद में एक बयान में कहा कि चूंकि मामला अदालत में है इसलिए केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी ने समन की अवज्ञा करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज की है।