सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए आरजेडी नेता सुनील कुमार सिंह को निष्कासित करने के फैसले को रद्द कर दिया। अदालत ने इस फैसले को ‘अत्यधिक अनुचित’ करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद के सदस्य और राष्ट्रीय जनता दल के नेता सुनील कुमार सिंह का, अशोभनीय आचरण के लिये सदन से निष्कासन यह कहते हुये रद्द कर दिया कि यह सजा अत्यधिक है। सुनील सिंह के आचरण को सदन के सदस्य के लिये अशोभनीय करार देते हुये शीर्ष अदालत के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि विधान परिषद को और अधिक उदार होना चाहिये था।

सुनील को अशोभनीय आचरण के लिए किया गया था निलंबित

अदालत ने पिछले साल दिसंबर में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी उस अधिसूचना को भी खारिज कर दिया, जिसमें सुनील सिंह की सीट पर उपचुनाव की घोषणा की गई थी। पीठ ने सुनील को उनके अशोभनीय आचरण के लिए पहले से ही बिताई गई अवधि के लिए निलंबन की सजा सुनाई और कहा कि वह निलंबन अवधि के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं मांगेंगे।

विपक्षी नेता ने फरवरी 2024 के बजट सत्र के दौरान कथित टिप्पणी की थी। सदन की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। पिछले साल 26 जुलाई को सुनील सिंह को सदन में उनके अशोभनीय आचरण के लिए बिहार विधान परिषद से निष्कासित कर दिया गया था।

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नीतीश कुमार का उड़ाया था मजाक

राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार के करीबी माने जाने वाले सुनील कुमार पर 13 फरवरी, 2024 को सदन में तीखी नोकझोंक के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने का आरोप लगाया गया था। आचार समिति की ओर से 2024 में परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के एक दिन बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था।

सुनील सिंह पर मुख्यमंत्री के हाव-भाव की नकल करके उनका अपमान करने और आचार समिति के समक्ष उपस्थित होने के बाद उसके सदस्यों की योग्यता पर सवाल उठाने का भी आरोप लगाया गया। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स

(भाषा के इनपुट के साथ)