सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार (13 मई 2022) को सहारा प्रमुख को गिरफ्तार कर 16 मई को पेश करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी कानूनी कार्यवाहियों पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
दरअसल, सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाईकोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया था और बिहार के डीजीपी को सहारा प्रमुख को 16 मई को सुबह 10.30 बजे अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख और दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस मामले में सहयोग करने को कहा था।
कोर्ट नहीं पहुंचे सुब्रत राय: शुक्रवार (13 मई 2022) को हाईकोर्ट में उनकी फिजिकली पेशी होनी थी, लेकिन, वह कोर्ट नहीं पहुंचे। इस बात से नाराज होकर पटना हाईकोर्ट ने बिहार के डीजीपी को सुब्रत राय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। वहीं, सुब्रत राय की तरफ से वकील ने अंतरिम आवेदन जमा कर अपील की थी। उन्होंने कोर्ट से कहा था, “मेरी उम्र 74 साल है। जनवरी में ऑपरेशन कराया था और अभी भी बीमार हूं। इस कारण फिजिकली पेश होने से राहत देते हुए वर्चुअली कोर्ट में पेश होने की इजाजत दी जाए।”
न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने 27 अप्रैल 2022 को हुई सुनवाई के दौरान सुब्रत राय को 11 मई को फिजिकली हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने और यह बताने का निर्देश दिया था कि वह निवेशकों के पैसे कैसे लौटा सकते हैं। चूंकि, सुब्रत राय दी गयी तारीख पर पटना हाईकोर्ट नहीं पहुंचे इसलिए मामले को 12 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
कोर्ट में फिजिकली पेश होने का था आदेश: इससे पहले गुरुवार (12 मई 2022) को पटना हाईकोर्ट ने सख्ती से सुब्रत राय के वकील से कहा था कि सुब्रत राय कोर्ट से बड़े नहीं हो सकते हैं। उन्हें हर हाल में आना होगा। अदालत के निर्देशानुसार 31 अगस्त, 2012 तक अपने निवेशकों को 24,000 करोड़ रुपए वापस नहीं करने के बाद सुब्रत रॉय मुश्किल में पड़ गए थे। फिलहाल, वह अंतरिम जमानत पर हैं और इस मामले में दो साल पहले ही जेल में बिता चुके हैं। सहारा समूह ने अभी तक निवेशकों को 9,000 करोड़ रुपए नहीं लौटाए हैं।
