Arvind Kejriwal Bail News in Hindi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। जस्टिस कांत ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल को सीबीआई मामले में 10 लाख रुपये के बेल बॉन्ड पर जमानत दी जाती है। साथ ही उन्हें ऑफिस जाने और मामले पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भुइयां ने आदेश जारी रखते हुए कहा कि वे यह समझ पाने में असफल हैं कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने में सीबीआई को इतनी जल्दबाजी क्यों थी, जबकि उसने उन्हें 22 महीने तक गिरफ्तार नहीं किया था और उन्हें तभी गिरफ्तार किया जब वे ईडी मामले में जमानत पाने के कगार पर थे। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी शक्तियों का संयम से प्रयोग किया जाना चाहिए, किसी व्यक्ति की एक दिन के लिए भी अनावश्यक गिरफ्तारी एक दिन ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की विलम्ब से की गई गिरफ्तारी अनुचित है।

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं । एक सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली और दूसरी जमानत की मांग वाली। दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को इस संबंध में केजरीवाल की याचिकाओं को खारिज कर दिया था और उन्हें जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था। जिसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

सीएम आवास पर हलचल तेज, केजरीवाल के घर पहुंचे मनीष सिसोदिया

सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलते ही सीएम आवास पर हलचल तेज हो गई। मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे हैं। उनके घर के बाहर आम आदमी पार्टी के नेता और समर्थक जुटे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इस पल को सेलिब्रेट कर रहे हैं और एक-दूसरे को मिठाई भी खिला रहे हैं।

‘झूठ और साजिशों के खिलाफ लड़ाई में सत्य की जीत हुई’

आप नेता मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल को जमानत मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘आज एक बार फिर झूठ और साजिशों के खिलाफ लड़ाई में सत्य की जीत हुई है। मैं एक बार फिर बाबा साहेब अंबेडकर जी की सोच और दूरदर्शिता को नमन करता हूं, जिन्होंने 75 साल पहले आम आदमी को भविष्य के किसी भी तानाशाह के खिलाफ मजबूत किया था।’ आतिशी ने कहा, ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं’। बता दें, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को 9 अगस्त को ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी थी। इससे पहले उनकी जमानत याचिका दो बार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। उस समय, शीर्ष अदालत ने ईडी के इस आश्वासन के बाद इसे खारिज कर दिया था कि जांच तेजी से पूरी की जाएगी और मुकदमा 6-8 महीने के भीतर समाप्त हो जाएगा।

AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में तानाशाही नही चलेगी-नही चलेगी। झुकते हैं तानाशाह लड़ने वाला चाहिए। मोदी की अत्याचारी हुकूमत अरविंद केजरीवाल के हौसले को नहीं तोड़ पाई। जेल के ताले टूट गए, अरविंद केजरीवाल छूट गए। झूठ का पहाड़ गिर रहा है ED CBI BJP के झूठे केस का पर्दाफ़ाश हो चुका है। सत्यमेव जयते! वहीं आप नेता राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया।

21 मार्च को ईडी ने केजरीवाल को किया था गिरफ्तार

केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। 26 जून को सीबीआई ने कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी और वे वर्तमान में सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। जुड़े मामलों में 40 आरोपियों में से केवल दो – केजरीवाल और व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल्ल ही सलाखों के पीछे हैं।

दिल्ली शराब नीति में कैसे आया केजरीवाल का नाम?

केजरीवाल के खिलाफ मामला अब रद्द कर दी गई 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण में कथित अनियमितताओं से सामने आया। इस मामले में आरोप है कि केजरीवाल समेत आप के कई नेता शराब लॉबी से रिश्वत के बदले में आबकारी नीति में जानबूझकर खामियां छोड़ने में शामिल थे। जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि इस कवायद से जुटाए गए धन का इस्तेमाल गोवा में आप के चुनाव अभियान के लिए किया गया था।

इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा की जा रही है। केजरीवाल को इस मामले में पहली बार 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई थी । हालांकि, इस अंतरिम जमानत आदेश के बावजूद, वह जेल में ही रहे, क्योंकि सीबीआई ने भी 26 जून को उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया था, जबकि वह ईडी मामले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में थे। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाने के बजाय सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जो कि आरोपी व्यक्तियों द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया है। हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि वे पहले ट्रायल कोर्ट जाएं। साथ ही उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की याचिका भी खारिज कर दी।